केवाईसी क्या है, बैंक में केवाईसी कैसे करे – Online KYC Process in Hindi

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी बैंको और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए है, कि वह अपने सभी ग्राहकों के पते और पहचान को वेरीफाई करे, जो उनके माध्यम से वित्तीय ट्रांजेक्शन कर रहे है| ग्राहक के पते और पहचान को वेरीफाई करने के लिए बैंक ग्राहक से KYC डाक्यूमेंट्स की मांग करता है| केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करके आप अपने बैंक से किसी भी तरह के लेन-देन को कर सकते है|

केवाईसी डाक्यूमेंट्स मिलने के बाद बैंक आपकी पहचान, पता और वित्तीय इतिहास की जानकारी से अवगत होता है, जिससे बैंक को यह जानने में सहायता मिलती है, कि आपने निवेश के लिए जिस धन को चुना है, वह किसी अवैध गतिविधि से तो नहीं आया है| केवाईसी सत्यापन के लिए बैंक में आपको कुछ डाक्यूमेंट्स जमा करने होते है| अगर आप अभी केवाईसी डाक्यूमेंट्स के बारे में नहीं जानते है, तो यहाँ पर आपको केवाईसी क्या है, बैंक में केवाईसी कैसे करे – Online KYC Process in Hindi इसके बारे में जानकारी दे रहे है|

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केवाईसी क्या है (KYC)

केवाईसी का पूरा नाम KYC (Know Your Customer) होता है, जिसका हिंदी में अर्थ है, अपने ग्राहक को पहचाने| इस पहचानने की प्रक्रिया में बैंक अपने ग्राहक को पहचानने के लिए कुछ डाक्यूमेंट्स की मांग करती है| आपके यह डाक्यूमेंट्स केवाईसी डाक्यूमेंट्स कहलाते है| यह तो सभी जानते है, कि बैंक केवाईसी डाक्यूमेंट्स कब मांगता है| जब कोई व्यक्ति नया खाता खुलवाता है, या पहले से खुलवाए गए खाते के निष्क्रिय हो जाने पर उसे सक्रीय करवाने के लिए KYC डाक्यूमेंट्स की मांग की जाती है|

इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉज़िट और म्यूचुअल फंड जैसी चीजों में निवेश करने से पहले KYC डाक्यूमेंट्स जमा करने होते है| लेकिन इस तरह के निवेश में ग्राहक को सिर्फ एक बार आरंभ में KYC डॉक्मेंट्स जमा करना होता है| भारत के भारतीय रिज़र्व बैंक में KYC वर्ष 2002 में अस्तित्व में आया तथा वर्ष 2004 से दिसंबर 2005 तक सभी बैंको के ग्राहकों के लिए KYC को अनिवार्य कर दिया गया|

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केवाईसी क्यों की जाती है (Why e KYC is Done)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी बैंको और वित्तीय संस्थाओ को अपने ग्राहकों की पहचान और पते को सत्यापित करने के निर्देश दिए है| ताकि ग्राहक केवाईसी के आधार पर बिना किसी समस्या के परेशानी मुक्त लेन-देन कर सके| केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से बैंक या वित्तीय संस्था अपने ग्राहक के पते और उसकी पहचान को वेरीफाई करती है| यदि आप किसी तरह का ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म जैसे Amazon Pay, Phone Pe या Paytm Wallet इस्तेमाल कर रहे है, तो आपको 10,000 रूपए से अधिक राशि का ट्रांजेक्शन या मोबाइल रिचार्ज करने के लिए केवाईसी को पूरा करने के लिए कहेगा| केवाईसी वेरिफिकेशन के बाद आपके ट्रांजेक्शन की लिमिट बढ़ जाएगी|

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केवाईसी के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स (KYC Required Documents)

पहचान के लिए डाक्यूमेंट्स :-

पते के लिए डाक्यूमेंट्स :-

  • बीमा कॉपी/ ड्राइविंग लाइसेंस/ मतदाता पहचान पत्र/ पासपोर्ट/ राशन कार्ड/ रजिस्टर्ड लीज प्रमाण या निवास सेल एग्रीमेंट / फ्लैट रख-रखाव बिल|
  • लैंडलाइन टेलीफोन बिल, गैस बिल, बिजली बिल जैसे यूटिलिटी बिल जो 3 महीने से अधिक पुराने न हो|
  • पासबुक या बैंक अकाउंट स्टेटमेंट जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो|
  • अपने नए पते के संबंध में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा प्रमाणित स्व-घोषणा पत्र|
  • पति / पत्नी के नाम से प्रमाणित पते को स्वीकार किया जा सकता है|
  • केंद्र या राज्य सरकार/ नियामक प्राधिकरण/ अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ विश्वविद्यालय/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/ सार्वजनिक वित्तीय संस्थान/ व्यावसायिक संस्थाए जैसे ICSI, ICWAI, ICAI द्वारा प्रमाणित पहचान पत्र या पते का डॉक्यूमेंट|
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के बैंक मैनेजर/ राजपत्रित अधिकारी/ बहुराष्ट्रीय विदेशी बैंक/ नोटरी पब्लिक/ संसद/ अनुसूचित सहकारी बैंक/ निर्वाचित प्रतिनिधि विधानसभा या किसी सरकारी संस्था द्वारा जारी वैधानिक प्राधिकरण|

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बैंक केवाईसी क्या है (Bank KYC)

जब कोई व्यक्ति किसी बैंक में अपना कॉउंट खुलवाता है, और अपने अकॉउंट से 6 महीने या 1 वर्ष तक कोई लेन-देन नहीं करता है, तो बैंक उसके अकॉउंट को KYC वेरिफिकेशन के लिए डाल देता है, जिसके लिए ग्राहक को बैंक में केवाईसी करवाने के लिए आईडी प्रूफ देना होता है| इसके लिए केवाईसी फॉर्म के साथ आधार कार्ड या पैन कार्ड और दो पासपोर्ट साइज के फोटो देने होते है| केवाईसी जमा करने के बाद आपको अपने अकॉउंट में कुछ रुपए जमा करने या निकालने होते है, क्योकि अकाउंट को सक्रीय करने के लिए ट्रांजेक्शन करना जरूरी होता है|

केवाईसी के फायदे (KYC Benefits)

  • केवाईसी करवाने से आपका बंद बैंक खाता दोबारा से चालू हो जाता है|
  • बैंक ग्राहक से केवाईसी फॉर्म भरवाकर उसके वर्तमान पते का पता लगाती है|
  • यदि बैंक ने आपसे केवाईसी करवाया हुआ है, तो आपके उस खाते पर किसी तरह की समस्या होने पर बैंक आपसे संपर्क करेगी|
  • बैंक में केवाईसी अपडेट होने से आपका खाता सुरक्षित हो जाता है, जिससे कोई अन्य व्यक्ति फ्रॉड नहीं कर पाएगा|
  • बैंक में केवाईसी अपडेट होने से बैंक आपके पते पर आसानी से चेक बुक और एटीएम भेजता है, तथा मोबाइल पर मैसेज अलर्ट मिलने के साथ ही आपके ट्रांजेक्शन की लिमिट बढ़ जाती है, और आप महीने की ट्रांजेक्शन लिमिट को सेट करा सकते है|
  • बैंक केवाईसी अपडेट होने से सरकारी योजना से आने वाला पैसा DBT के माध्यम से आपके बैंक खाते में जमा हो जाएगा|

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केवाईसी कैसे करे (KYC Method)

आप तीन अलग–अलग तरह से KYC कर सकते है, जो इस प्रकार है:-

  • ऑनलाइन केवाईसी
  • आधार-आधारित बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण केवाईसी
  • ऑफलाइन केवाईसी

ऑनलाइन केवाईसी का तरीका :-

ऑनलाइन केवाईसी के भी दो तरीके है :- आधार OTP केवाईसी और आधार आधारित बायोमेट्रिक केवाईसी| आधार OTP से कुछ ही मिनटों में KYC पूरी हो जाती है, जबकि आधार-आधारित बायोमेट्रिक केवाईसी करने के लिए व्यक्ति को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है| बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए व्यक्ति को KRA घर या कार्यालय जाना पड़ता है, नीचे आपको ऑनलाइन केवाईसी करने का तरीका बताया जा रहा है:-

  • सबसे पहले आप किसी KRA या फंड हाउस की वेबसाइट पर जाए|
  • KYC के लिए कुछ KRA इस तरह है:- CAMS, NDML, CVL, NSE और कार्वी|
  • यहाँ पर आप अपने आधार के अनुसार जानकारी दर्ज करे|
  • आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिसे दर्ज करने के लिए C का इस्तेमाल करे, और वेरीफाई करे|
  • अब आवेदन जमा कर दे|
  • UIDAI से वेरिफाइड होने के पश्चात् KRA आपके KYC को स्वीकृति दे देता है|
  • आप KRA पोर्टल पर जाकर अपने पैन कार्ड का इस्तेमाल कर KYC आवेदन की स्थिति पता कर सकते है|

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आधार से ऑनलाइन केवाईसी करने का तरीका :-

आप आधार-आधारित बायोमेट्रिक से भी अपनी KYC को मंजूर करवा सकते है, यदि आपका केवाईसी ऑनलाइन किया गया है, तो आपको प्रत्येक वर्ष सिर्फ 50,000 रूपए तक निवेश करने अनुमति मिलती है| यदि आपने अपनी केवाईसी ऑफलाइन या आधार-आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन द्वारा करवाई है, तो अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है| यहाँ पर आपको आधार से ऑनलाइन केवाईसी करने का तरीका बता रहे है:-

  • सबसे पहले आप किसी KRA या फंड हाउस की वेबसाइट पर जाए|
  • इसके बाद ऊपर बताए गए तरीके के अनुसार बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन पर जाए|
  • इसके बाद फंड हाउस का कार्यकारी फॉर्म में दर्ज पते का निरीक्षण करता है|
  • अब अपने मूल डाक्यूमेंट्स को दिखाए और बायोमेट्रिक्स प्रदान करे|
  • इस तरह से आवेदन जमा हो जाएगा, और KYC पूर्ण हो जाएगी|

ऑफलाइन केवाईसी का तरीका :-

एक ग्राहक ऑफलाइन भी KYC कर सकता है| हालाँकि ऑफलाइन में KRA द्वारा KYC को मंजूरी मिलने में 7 दिन का समय लग सकता है| यहाँ पर आपको ऑफलाइन केवाईसी का तरीका बता रहे है:-

  • ऑफलाइन केवाईसी के लिए आप पहले KYC फॉर्म डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकाल लें|
  • इस फॉर्म में अपने आधार और पैन कार्ड की जानकारी भरें|
  • इसके बाद KRA कार्यालय में जाए और केवाईसी आवेदन फॉर्म जमा करें|
  • केवाईसी आवेदन के साथ आपको पहचान और पते का प्रमाण भी जमा करना होता है|
  • इसके अलावा कुछ मामलो में आपको बायोमेट्रिक्स भी जमा करना पड़ सकता है|
  • अब आपको एक आवेदन संख्या मिलेगी, जिसका इस्तेमाल कर आप KYC की स्थिति पता कर सकते है|

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क्या बिना केवाईसी के निवेश किया जा सकता है?

यदि आप पहली बार निवेश कर रहे है, तो आपको KYC जरूर पूरी करनी होती है|

क्या केवाईसी वेरिफिकेशन के लिए शुल्क लगता है?

नहीं, केवाईसी वेरिफिकेशन करवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है, यह पूरी तरह से नि:शुल्क है|

केवाईसी का वेरिफिकेशन होने में कितना समय लगता है?

अगर आपने ऑनलाइन केवाईसी करवाई है, तो वेरिफिकेशन होने में एक दिन से भी कम समय लगेगा, लेकिन ऑफलाइन केवाईसी करवाने पर 7 दिन तक लग सकते है|

केवाईसी वेरिफिकेशन कितनी तरह से करवा सकते है?

आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरह से केवाईसी वेरिफिकेशन करवा सकते है|

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