फाइनेंस क्या होता है | Finance Meaning, Definition in Hindi

फाइनेंस शब्द को हम अक्सर समाचार पत्रों, मैगज़ीन, न्यूज़ आदि में पढ़ते या सुनते रहते है | बजट सत्र के दौरान यह शब्द पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहता है | हालाँकि बहुत से लोगो को फाइनेंस शब्द के बारें में अधिक जानकारी नही होती है, जबकि इसके बिना कोई कार्य संभव ही नही है | फाइनेंस अपने आप में बहुत ही व्यापक और बहु अर्थीय शब्द है, इसके बारें में जिनती भी चर्चा की जाये वह कम होगी |

साधारण भाषा में कहे, तो फाइनेंस विभिन्न प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित करनें का माध्यम है | किसी भी व्यक्ति, संस्था, कम्पनी के साथ-साथ गवर्नमेंट को कार्य करनें के लिए फाइनेंस अर्थात वित्त की आवश्यकता होती है | फाइनेंस क्या होता है, Finance Meaning, Definition in Hindi के बारें में यहाँ आपको पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान कर रहे है |

आरडी अकाउंट (RD) क्या होता है

फाइनेंस का क्या मतलब होता है (Finance Meaning in Hindi)

फाइनेंस शब्द फ्रेंच (French) भाषा से लिया गया है और इस शब्द की उत्पत्ति 18 वीं सदी में हुई थी| फाइनेंस को हिंदी भाषा में वित्त कहते है और वित्त का सीधा मतलब रुपयों के प्रबंधन से है अर्थात इस शब्द का प्रयोग किसी भी प्रकार के पैसे के प्रबंधन को परिभाषित करने के लिए किया जाता है | फाइनेंस या वित्त के विषय में यदि आप अध्ययन करना चाहते है, तो इसके विषय में अर्थशास्त्र (Economics) के अंतर्गत पढ़ाया जाता है|

किसी भी प्रकार के कार्य करनें वाले व्यवसाय या  कम्पनी को सुचारू रूप से संचालित करनें के लिए पूँजी अर्थात धन की आवश्यकता होती है | वित्त का सीधा सम्बन्ध धन या मुद्रा से होता है | वित्त वित्त में बैंकिंग, क्रेडिट, निवेश, संपत्ति और देनदारियां शामिल हैं | दरअसल वित्त वह विज्ञान है जो धन, बैंकिंग, ऋण, निवेश, संपत्ति और देनदारियों के प्रबंधन, निर्माण और अध्ययन का वर्णन करता है |

फाइनेंस या वित्त की परिभाषा (Definition of Finance)

वित्त का धन से गहरा संबंध है, क्योंकि यह विनिमय का एक साधन है। वित्तीय क्षेत्र आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक उद्योगों को संचालित करता है। बचत से लेकर वित्तीय संस्थानों और सरकारों के करों से लेकर शेयर पूंजी तक, वित्त कार्य सभी गतिविधियों और प्रक्रियाओं में देखा जा सकता है।

फाइनेंस की कुछ मानक परिभाषाएँ इस प्रकार है-

  • अर्थशास्त्र में वित्त को अर्थशास्त्र की एक शाखा कहा है, जो संसाधन आवंटन (Resource Allocation), प्रबंधन (Management), निवेश (Investment) और अधिग्रहण (Takeover) से संबंधित है।
  • व्यापार में, वित्त को इक्विटी या ऋण जारी करके और बेचकर धन जुटाने के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • विज्ञान में, वित्त धन के निर्माण, प्रबंधन और अध्ययन पर जोर दिया जाता है। इसमें बैंकिंग, क्रेडिट, देनदारियां, संपत्ति और निवेश भी शामिल हैं।
  • विशेषज्ञ वित्त का वर्णन कुछ निश्चित और अनिश्चित परिस्थितियों में लोगों द्वारा ओवरटाइम संपत्ति के आवंटन के रूप में करते हैं। उनका मानना ​​​​है, कि संपत्ति की कीमत उनके जोखिम स्तर और वापसी दर के अनुसार होती है।
  • सिस्टम व्यू के आधार पर, वित्त में सार्वजनिक, निजी और सरकारी संस्थानों जैसी वित्तीय प्रणालियां शामिल हैं। यह वित्त और वित्तीय साधनों का अध्ययन भी है।

फाइनेंस के प्रकार (Types Of Finance)

फाइनेंस को विज्ञान के साथ-साथ एक कला भी माना जाता है। यह हर व्यवसाय की आत्मा है और व्यवसाय शुरू करने और व्यवसाय को संचालित करनें के लिए बुनियादी आवश्यकता है। आधुनिक युग में फाइनेंस अर्थात वित्त को 3 भागों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है –

  • व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance)
  • निगम वित्त (Corporate Finance)
  • लोक वित्त (Public Finance) 

व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance)

पर्सनल फाइनेंस को हिंदी में व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन (Personal Money Management) कहते है | व्यक्तिगत वित्त किसी व्यक्ति और पैसे से जुड़ा एक ऐसा विषय है, जो धन को सँभालने और नियंत्रित करने के साथ-साथ उपलब्ध धन से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करनें के तरीके सिखाता है | प्रत्येक व्यक्ति का कार्य करने का अपना एक तरीका होता है, ठीक उसी प्रकार पैसे को मैनेज करने का तरीका सभी का अलग होता है | प्रत्यके व्यक्ति द्वारा पैसे के प्रबंधन के तरीके को वित्त की भाषा में पर्सनल फाइनेंस कहते है | दरअसल पर्सनल फाइनेंस अलग-अलग व्यक्तियों के पैसों के लेंन- देंन से जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा विषय है |     

निगम वित्त (Corporate Finance)

कॉर्पोरेट फाइनेंस को हिंदी भाषा में निगम वित्त कहते है | दरअसल कॉर्पोरेट फाइनेंस में वित्तीय निर्णय शामिल होते हैं, जो एक संगठन अपने दैनिक व्यावसायिक कार्यों में करता है। इसका उद्देश्य संगठन के पास उपलब्ध पूंजी का उपयोग करना है, जो कुछ निर्णयों के जोखिम को कम करते हुए अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके | इस प्रकार, व्यावसायिक निर्णय जिनमें निगमों के वित्तपोषण के लिए पूंजी के स्रोतों की पहचान से संबंधित निर्णय शामिल हैं, कॉर्पोरेट वित्तीय निर्णय हैं।

लोक वित्त (Public Finance)

पब्लिक फाइनेंस के अंतर्गत सभी सार्वजनिक प्राधिकरण (Public Authorities) या सार्वजनिक निकायो (Public Bodies), जैसे केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय स्वशासन के वित्त के प्रबंधन के बारे में है | दरअसल पब्लिक फाइनेंस अर्थात लोक वित्त में सरकार के वित्तीय सिस्टम के बारें में बताया गया है | मुख्य रूप से इसमें सरकार की आय, व्यय के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय लेन-देन, निवेश का लेखा- जोखा सरकार द्वारा रखा जाता है।

सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, परिवहन, बुनियादी ढांचा, बिजली, संचार, भोजन आदि शामिल हैं। सेवाएं प्रदान करने के लिए राजस्व का मूल स्रोत कर (Tax), विभिन्न प्रकार से प्राप्त होनें वाला शुल्क, विदेशी सहायता (Foreign Aid), वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री, उधार, निर्माण हैं।

पेमेंट बैंक क्या है

सार्वजनिक वित्त के तत्व (Elements of Public Finance)

सार्वजनिक राजस्व (Public Revenue)

इसमें सरकार द्वारा विभिन्न स्रोतों से होनें वाली आय जिसमें कर राजस्व और गैर-कर राजस्व शामिल होता है | कर राजस्व में आयकर, कॉर्पोरेट कर, आयात और निर्यात पर लगाए गए कर, उत्पाद शुल्क, माल और सेवा कर आदि से आय शामिल है। दूसरी ओर गैर-कर राजस्व में शुल्क से आय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का अधिशेष, पूंजीगत जैसे- जुर्माना और दंड, अनुदान और उपहार, केंद्रीय बैंक राजस्व, आदि प्राप्तियां शामिल हैं।

सार्वजनिक व्यय (Public Expenses)

सार्वजनिक व्यय का तात्पर्य सार्वजनिक निकायों द्वारा आम जनता की समग्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए गए खर्चों से है | रक्षा गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा अनुसंधान, आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान और सरकार के रखरखाव में निवेश के संबंध में खर्च किया जाता है |

सार्वजनिक ऋण (Public Debt)

सार्वजनिक ऋण को सरकारी ऋण के रूप में भी जाना जाता है | यह कुल बकाया देनदारियों को इंगित करता है, अर्थात वह राशि जो एक देश लेनदारों को देता है, जो कि व्यक्ति, उपक्रम और अन्य सरकारें हो सकती हैं | लेनदार आंतरिक (बैंक या वित्तीय संस्थानों जैसे घरेलू उधारदाताओं से उधार लिया गया ऋण) और बाहरी (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और सरकारों से उधार लिया गया ऋण) हो सकता है |

वित्तीय प्रशासन (Financial Administration)

वित्तीय प्रशासन सार्वजनिक वित्त का वह भाग है, जो बजट तैयार करने से संबंधित प्रशासनिक नियंत्रण तकनीकों और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है| यह एक उपकरण है, जिसके माध्यम से देशों के वित्तीय संचालन किए जाते हैं जैसे- बजट कैसे तैयार, पारित और कार्यान्वित किया जाता है? बजट तैयार करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाता है? विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा कर कैसे एकत्र किए जाते हैं? सार्वजनिक खातों की लेखा परीक्षा और रिपोर्टिंग के लिए कौन से विभाग जिम्मेदार हैं?

आर्थिक स्थिरीकरण (Economic Stabilization) 

आर्थिक व्यवस्था का मूल उद्देश्य अर्थव्यवस्था की स्थिरता है। यह उस राज्य को संदर्भित करता है, जिसमें सरकार की राजनीतिक, कानूनी या मौद्रिक नीतियों के कारण अर्थ व्यवस्था में उतार-चढ़ाव बहुत कम होता है और इसलिए मुद्रास्फीति की दर काफी कम होती है। देश की राजकोषीय नीति देश में राष्ट्रीय आय के उचित वितरण को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे आर्थिक स्थिरता आती है।

आर्थिक विकास (Economic Growth)

आर्थिक विकास तब होता है, जब पिछले वर्षों की तुलना में वस्तुओं के उत्पादन और सेवाओं की आपूर्ति में वृद्धि होती है। कई विशेषज्ञों का मत है, कि आर्थिक विकास की समस्या विकासशील देशों में ही है, इसलिए सार्वजनिक वित्त को एक मुख्य उपकरण माना जाता है, जिसकी सहायता से देश आर्थिक विकास की समस्या का सामना करना पड़ सकता है |

मुद्रा लोन कैसे प्राप्त करें

फाइनेंस का महत्व (Finance Importance)

  • व्यापार में फाइनेंस का महत्व:- ज्यादातर कंपनियां अपनी कंपनी में एक से अधिक व्यापार विशेषज्ञों को रखती है, जो उनकी कंपनी को फाइनेंस से संबंधित फैसले लेने में सहायता करते है| फाइनेंस ऐसे सभी लोगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योकि यदि फाइनेंस नही होगा, तो उनकी विशेषता व्यर्थ रह जायगी|
  • वित्तीय संस्था में फाइनेंस का महत्व:- वर्तमान समय में कई वित्तीय संस्थानों का निर्माण हुआ है, जो लोगो को उनकी जरूरत के अनुसार व्यापार या सरकारों को प्रदान कर रही है, उदाहरण:- National Housing Bank (NHB) और India Infrastructure Finance Company Ltd (IIFCL) आदि| इन सभी संस्थाओ को वित्त की आवश्यकता होती है|
  • आर्थिक विकास में फाइनेंस का महत्व:- मशहूर फिलॉसफर एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई, ‘द वेल्थ ऑफ़ द नेशन’ किताब में बताया गया है, कि आर्थिक विकास के लिए पैसो का बाजार में चलन बहुत महत्वपूर्ण है| जिसके लिए फाइनेंस की जानकारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है|
  • कर्मचारियों के लिए फाइनेंस का महत्व:- यदि आप कोई संस्था चला रहे है, तो उस संस्था को चलाने के लिए आपको कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है| आप जिन कर्मचारियों को नियुक्त करते है, समय-समय पर उनको वेतन देना पड़ता है| इस वेतन वाले कार्य को करने में वित्त की सहायता लेनी पड़ती है|
  • सरकार के लिए फाइनेंस का महत्व:- अक्सर आपने सुना होगा, कि सरकार घाटे में है, या सरकार किन्ही चीजों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है| देश में किसी भी तरह के कार्य को करने के लिए सरकार को फाइनेंस की जरूरत पड़ती है|

Slice Card क्या है 

फाइनेंस का क्या अर्थ है?

फाइनेंस एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ वित्त है|

फाइनेंस का क्या काम है?

फाइनेंस वह विज्ञानं है, जिसके माध्यम से धन या अन्य साधनो में निवेश प्रक्रियाओं का ज्ञान मिलता है| इसमें वित्तीय लेन-देन का प्रबंधन करने के लिए नए-नए तरीको को ईजाद किया जाता है| यह फाइनेंसिंग, इंटरनेशनल लीज, इंटरनेशनल फाइनेंसिंग और मल्टी करेंसी ट्रेनिंग आदि को जोड़ता है|

फाइनेंस व् लोन के मध्य क्या अंतर है?

लोन में किसी एक व्यक्ति या संस्था द्वारा दूसरे व्यक्ति या संस्था से ऋण लिया जाता है| इस ऋण को ऋणी द्वारा एक निश्चित समय में ब्याज सहित चुकाना होता है| वही दूसरी ओर फाइनेंस में किसी एक व्यक्ति या संस्था को किसी सेवा या संपत्ति के बदले धन मुहैया कराते है|

भारत में कितनी फाइनेंस कंपनियां मौजूद है?

भारत में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को रिजर्व बैंक के अंतर्गत ही नियंत्रित किया जाता है| वर्तमान समय में भारत में 100 से अधिक फाइनेंस कंपनियां मौजूद है|

भारत की नंबर 1 फाइनेंस कंपनी कौन-सी है?

भारत में कई शीर्ष फाइनेंस कंपनियां मौजूद है, जैसे:- मुथूट फाइनेंस लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, एल एंड टी फाइनेंस लिमिटेड, बजाज फाइनेंस लिमिटेड, महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड व आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेड आदि| इसके अलावा भी कुछ भरोसेमंद फाइनेंस कंपनियां मौजूद है|

फाइनेंस का सब्जेक्ट किस चीज का अध्ययन कराता है?

फाइनेंस का सब्जेक्ट किसी व्यक्ति या कंपनी को अपने धन का प्रबंधन करने के बारे में अध्ययन कराता है|

दुकान खोलने के लिए लोन कैसे ले