ट्रस्ट एंड फाउंडेशन कैसे खोले | ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन | ट्रस्ट और कंपनी में क्या अंतर है | दस्तावेज और नियम

ट्रस्ट एंड फाउंडेशन एक गैर सरकारी संगठन होता है, जिसे गैर लाभ के लिए खोला जाता है | आपने भी कई ट्रस्ट के बारे में सुना होगा जो जरूरत मंद लोगो की भलाई के लिए कई तरह के कार्य करते है | बहुत से धनवान व्यक्ति जिनके पास अधिक संपत्ति होती है, जिसमे से वह अपनी किसी संपत्ति को ट्रस्ट के रूप में स्थापित कर देते है, और अपनी संपत्ति के कुछ हिस्से को धर्मार्थ कार्य में लगा देते है |

इसके अलावा बहुत से लोग इनकम टैक्स में छूट का लाभ लेने के लिए भी ट्रस्ट खोल लेते है | यदि आप भी ट्रस्ट एंड फाउंडेशन खोलना चाहते है, तो उससे पहले आप ट्रस्ट से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले | यहाँ पर आपको ट्रस्ट एंड फाउंडेशन कैसे खोले, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ट्रस्ट और कंपनी में क्या अंतर है तथा दस्तावेज और नियम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया जा रहा है |

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ट्रस्ट एंड फाउंडेशन कैसे खोले (Trust and Foundation Open)

भारत में ट्रस्ट एंड फाउंडेशन खोलने के लिए आप अपनी किसी ईमारत या संपत्ति के रूप में खाली पड़ी किसी जमीन का इस्तेमाल कर सकते है | यदि आप एक ट्रस्ट खोलना चाहते है, तो आपको उस राज्य में लागू होने वाले विशेष ट्रस्ट अधिनियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होता है | आप जिस राज्य में ट्रस्ट खोलने जा रहे है, यदि उस राज्य में राज्य का या केंद्र शासित राज्य का कोई ट्रस्ट अधिनियम नहीं लागू है, तो आप ट्रस्ट खोलने के लिए भारतीय ट्रस्ट एक्ट 1882 के तहत नियमो का पालन करते हुए ट्रस्ट की स्थापना कर सकते है | ट्रस्ट ड़ीड़ सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट का महत्वपूर्ण अंग होता है |

इसमें ट्रस्ट का उद्देश्य व् संचालन से संबंधित अन्य जानकारिया मौजूद होनी चाहिए | इसके अलावा ट्रस्ट में मौजूद ट्रस्टियो की न्यूनतम व अधिकतम संख्या, उनकी नियुक्ति व ट्रस्टियो का कार्य से हटाए जाने का विवरण भी शामिल होना चाहिए | ट्रस्ट ड़ीड़ में दोनों पक्षों की और से दो-दो गवाहों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है | इसे स्टाम्प पेपर पर तैयार करते है | संपत्ति का मूल्यांकन कर स्टांप पापत की कीमत निर्धारित की जाती है | सामान्य तौर पर एक ट्रस्ट में दो ट्रस्टी भागीदार होते है, जो प्रबंधक मंडल के गठन का कार्य करते है |

ट्रस्ट (Trust) क्या है

ट्रस्ट एक ऐसा साम्य है, जहा कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को किसी दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करता है | किसी एक व्यक्ति द्वारा ट्रस्ट की स्थापना की जाती है, जो उसका मालिक कहलाता है, जिसे ट्रस्टर, सेटलर या अनुदानकर्ता भी कह सकते है | यही व्यक्ति ट्रस्टियो को संपत्ति हस्तांतरित करता है, जिसमे ट्रस्टी ट्रस्ट के लाभार्थियों के लिए संपत्ति रखने का कार्य करता है |

फाउंडेशन क्या है (Foundation)

फाउंडेशन एक इकाई होती है, जो एक ट्रस्ट और निगम के मध्य क्रॉस ब्रीड का कार्य करता है | लेकिन फाउंडेशन एक अलग कानूनी इकाई नहीं है, लेकिन इसके पास अधिकारों के निष्पादन और दायित्वों को रखने की क्षमता होती है | इसे संस्थापक की घोषणा पर तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य लाभार्थियों या संस्थापकों को लाभ पहुंचाने के लिए संपत्ति का संरक्षण करना है |

ट्रस्ट डीड किसे कहते है (Trust Deed)

ट्रस्ट डीड एक विशेष जानकारी होती है, जिसे नाॅन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर लिखा जाता है | इस ट्रस्ट डीड की कीमत ट्रस्ट प्रॉपर्टी के मूल्य के आधार पर निर्धारित की जाती है | इसमें ट्रस्टीयो की संख्या, उनका दायित्व, प्रबंधन का तरीका और अधिकार के बारे लिखा जाता है | किसी भी ट्रस्ट में कम से कम दो सदस्य होने चाहिए |

ट्रस्ट का उद्देश्य (Trust Purpose)

इस दुनिया में किसी भी तरह के कार्य को करने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है | इसी तरह से ट्रस्ट गठन के भी उद्देश्य है, इसके तीन उद्देश्य है, जो इस प्रकार है:-

सामाजिक उद्देश्य (Social Purpose)

जिस ट्रस्ट का गठन सामाजिक उद्देश्य के लिए किया जाता है | वह ट्रस्ट सामाजिक उत्थान हेतु कार्यो को करता है | इसमें समाज में फैली कुरीतियों को बढ़ने से रोकने के लिए सेमिनार, वेबिनार और प्रवचन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है | इसमें वृद्धजनों की देखभाल, कन्या भ्रूण हत्या और विकलांगों की सहायता जैसे विषयो पर सेमिनार या सामाजिक जागरूकता से जुड़े साहित्यिक पुस्तकों का आडियो, वीडियो के माध्यम से सामाजिक सुधार वाले संदेशो का वितरण किया जाता है |

शैक्षिक उद्देश्य (Educational Purposes)

इस तरह के ट्रस्ट का गठन शैक्षिक उद्देश्य के लिए किया जाता है, जिसमे शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना व शिक्षा के प्रचार प्रसार जैसे कार्यो को किया जाता है | शिक्षा के सुधार के लिए शिक्षा एवं उन्नयन संबंधित योजनाओ का संचालन किया जाता है | इसमें प्राथमिक विद्यालय, उच्च शिक्षा संस्थान, माध्यमिक शिक्षा के संचालन के कार्य को संपादित किया जाता है |

चिकित्सा संबंधी उद्देश्य (Medical Purpose)

इस तरह के ट्रस्ट का गठन लोगो को संक्रामक रोगो के प्रति जागरूक करने के लिए और चिकित्सीय शिविरों का आयोजन किया जाता है, साथ ही जरूरतमंद लोगो को दवाइयों का वितरण किया जाता है |

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ट्रस्ट और कंपनी में क्या अंतर है (Trust and Company Difference)

ट्रस्टकंपनी
ट्रस्ट भी एक NGO होता है |एक कंपनी अलाभकारी NGO कहलाती है |
इसे इंडियन ट्रस्ट एक्ट / देव स्थान ट्रस्ट एक्ट/ बॉम्बे ट्रस्ट एक्टइसे कानून एक्ट के तहत रजिस्टर किया जाता है |
इसके रजिस्ट्रेशन में 2 से एक सप्ताह का समय लग सकता है |यह 3 से 6 महीने का समय लेता है |
चेरिटी कमिश्नर / सब रजिस्ट्रार ऑफ़ रजिस्ट्रेशनरजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी द्वारा रजिस्ट्रेशन
ट्रस्ट का नाम एम्बलम के तहत न हो तथा नाम अप्रूवल की जरूरत नही होती है |रजिस्ट्रेशन से पूर्व रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी का अप्रूवल जरूरी |
एम्ब्लम अधिनियम के दायरे में आने पर अनुमति नहीं |कंपनी का नाम एम्ब्लम एक्ट के तहत आने की स्थिति में नाम को बदलना होगा|
दो ट्रस्टीयो का होना जरूरी |न्यूनतम दो डायरेक्टर का होना जरूरी|
सम्पूर्ण भारत में कार्य करने का अधिकार |केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर पूरे भारत में वैध |
कोई भी विदेशी व्यक्ति ट्रस्ट का सदस्य बन सकता है |विदेशी व्यकित भी डायरेक्टर हो सकता है |
ट्रस्टी प्रत्यक्ष रूप से तनख्वाह नहीं ले सकता है |कंपनी से सैलरी ले सकते है |

ट्रस्ट खोलने के लिए दस्तावेज व नियम (Trust Opening Documents Rules)

  • ट्रस्ट का नाम |
  • ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय |
  • ट्रस्ट का उद्देश्य |
  • क्षेत्र का नाम जहा ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा है |
  • ट्रस्ट की पूँजी |
  • ट्रस्ट डीड की मूल प्रतिलिपि |
  • ट्रस्टियों का ब्योरा जैसे :- पता व पैन नंबर |
  • संस्थान के रजिस्ट्रेशन प्रमाण की कॉपी |
  • इन्कम टैक्स रजिस्ट्रेशन प्रमाण की कॉपी |
  • पिछले तीन वर्षो तक की आडिट रिपोर्ट |
  • आय-व्यय व आडिटेड बैलेंस शीट का ब्यौरा |
  • रेंटल अग्रीमेंट, कार्यालय का प्रमाण, मालिकाना हक़ का प्रमाण |
  • दो गवाह |

ट्रस्ट ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया (Trust Online Registration Process)

  • ट्रस्ट खोलने के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते है, जिसके लिए आपको राष्ट्रीय न्यास की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है |
  • होम पेज पर पहुंच कर REGISTRATION के लिंक पर क्लिक करे, और Apply for NGO Registration के विकल्प पर क्लिक करे |
  • आपके सामने NGO आवेदन पत्र खुलकर आ जाएगा, जिसमे आपको सभी जानकारियों का विवरण ठीक तरह से भरना होता है |
  • इसमें आपको ट्रस्ट का नाम, ट्रस्ट के मालिक का नाम, आवेदन कर्ता का पैन कार्ड नंबर, लिंग, Email ID, और वेबसाइट का नाम डालें|
  • NGO रजिस्ट्रेशन फॉर्म में स्थान की लोकेशन और उसका विवरण दर्ज किया जाता है, तथा रजिस्ट्रेशन को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमे स्वैच्छिक संगठन, विकलांग व्यक्ति का संघ या विकलांग व्यक्तिय के पिता का संघ में से आप जिस श्रेणी में आते है, उसे चुने, और विकलांगता से संबंधित जानकारी दर्ज करे |
  • इसके बाद आवेदन कर्ता की सम्पूर्ण जानकारी जैसे :- मकान नंबर, मोहल्ला, लैंडलाइन नंबर, जिला, राज्य का नाम, पिन कोड और सीमा चिन्ह को ठीक तरह से भरकर Save पर क्लिक कर सुरक्षित कर ले |
  • बैंक डिटेल भरनी होती है, ताकि आपकी संस्था को सहायता राशि के रूप में मिलने डोनेशन के विवरण को देखा जा सके | बैंक जानकारी में आवेदक की खाता संख्या, खाताधारक का नाम, बैंक का नाम, शाखा का नाम, IFSC कोड आदि |
  • इसके अलावा NGO संबंधित पंजीकरण संख्या और पहचान पत्र की जरूरत होती है, तथा डॉक्यूमेंट कब से कब तक के लिए मान्य है, लिखना होता है |
  • यदि PWD एक्ट 1995 के तहत रजिस्ट्रेशन हुआ है, तो रजिस्ट्रेशन संख्या और वैलिडिटी |
  • ट्रस्ट के स्थापना के विवरण की जानकारी भरे |
  • लाभार्थी का सम्पूर्ण विवरण जैसे :- नाम, मोबाइल नंबर, जिला, पिन कोड, जन्म तिथि, बैंक विवरण को भरे |
  • ट्रस्ट के रेजिट्रेशन से जुड़ी रिपोर्ट व संबंधित दस्तावेजों को स्कैन कर PDF फॉर्मेट में अपलोड करे |
  • ट्रस्ट खोलने के लिए भुगतान शुल्क ट्रस्ट के स्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकता है | सामान्य तौर पर शहरी क्षेत्र के लिए यह शुल्क 2000 रूपए तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1000 रूपए रखा गया है |
  • फॉर्म भरने के बाद ट्रस्ट की सभी जानकारियों और दस्तावेजों की एक बार जाँच कर ले, और सेव करके फॉर्म को Submit कर दे |
  • फॉर्म सबमिट होने के बाद आपको आवेदन संख्या मिल जाएगी, जिसे आप सुरक्षित करके रख ले | यह संख्या भविष्य में आपके बहुत काम आएगी |

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