चेक बाउंस के नए नियम 2024 | Cheque Bounce Penalty Charges By Banks in Hindi

हम अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंक अकाउंट में जमा करते है और आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग करते है | बैंक अकाउंट खोलनें पर हमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलती है, जिसमें एटीएम कार्ड और चेक बुक शामिल है | हालाँकि बैंक खाता खोलनें के दौरान चेक बुक इश्यू करवाना स्वेच्छिक होता है | दरअसल वित्तीय लेनदेन करने के लिए चेक एक भरोसेमंद माध्यम होता है | यहाँ तक कि कई बार लोग एडवांस के रूप में भी चेक देते है | लेकिन कई बार देखनें को मिलता है, कि लोगों के चेक बाउंस हो जाते हैं |

जिसका मुख्य कारण बैंक अकाउंट में पर्याप्त धनराशि न होना, चेक पर किये गये हस्ताक्षर अकाउंट होल्डर के साइन से न मिलना आदि होते हैं। ऐसे में यदि चेक बाउंस हो जाती है, तो आप चेक देने वाले व्यक्ति से पैसे कैसे ले सकते हैं? इसके लिए क्या नियम है? आईये जानते है, चेक बाउंस के नए नियम 2024 और Cheque Bounce Penalty Charges By Banks in Hindi के बारें में |

बैंक चेक (Cheque) कैसे भरे ?

चेक बाउंस क्या है (Check Bounce Kya Hai?)

जब हम किसी व्यक्ति को भुगतान के लिए चेक प्रदान करते है, तो वह अमुख व्यक्ति चेक का पेमेंट प्राप्त करनें के लिए इसके बैंक में प्रस्तुत किया जाता है | यदि किसी करणवश बैंक द्वारा चेक को अस्वीकार अर्थात रिजेक्ट कर दिया जाता है और बैंक द्वारा भुगतान न किए जाने पर वापस कर दिया जाता है, तो चेक को ‘बाउंस’ कहा जाता है।

चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तारीख गलत होना, भुगतान राशि के अंकों और शब्दों का मेल नहीं होना, हस्ताक्षर न मिलना या चेक का क्षतिग्रस्त हो जाना आदि । लेकिन चेक बाउंस होने के यह सभी मामूली कारण हैं, और इसलिए चेक में गलती को सुधारने के लिए ड्रॉअर द्वारा एक और चेक जारी किया जा सकता है और भुगतानकर्ता को राशि का भुगतान किया जा सकता है।

जब चेक भुगतान के लिए बैंक को प्रस्तुत किया जाता है और यह बाउंस हो जाता है, तो बैंक चेक वापसी का कारण बताते हुए रिटर्न मेमो के साथ चेक वापस कर देगा। यदि बैंक अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक को अस्वीकार कर देता है, तो चेक जारी करने वाले व्यक्ति को नोटिस जारी किया जा सकता है और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

चेक बाउंस के नए नियम 2024 (Cheque Bounce New Rules)

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अगस्त 2021 की शुरुआत में जारी एक नोटिस के अनुसार, ऐसे ग्राहक जो फाइनेंसियल एक्टिविटीज के लिए चेक का उपयोग करते है या चेक के माध्यम से पैसे का भुगतान करते है, उन्हें अपने बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखना होगा | यदि यह मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं किया गया तो चेक बाउंस हो जाएगा। इसके अलावा चेक जारी करने वाले ग्राहक को पेनल्टी फीस भी देनी पड़ सकती है। इन परिवर्तनों के साथ, रिज़र्व बैंक द्वारा स्पष्ट किया गया है, कि नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) 24 घंटे चालू रहेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किये गये यह परिवर्तन सभी राष्ट्रीय और निजी बैंकों पर लागू होते हैं। चेकों को तेजी से और आम तौर पर आसान बनाने के लिए नियम परिवर्तन लाया गया था। चूंकि नया नियम यह सुनिश्चित करता है, कि NACH सप्ताह के सभी दिनों में चालू रहेगा, रविवार भी एक ऐसा दिन होगा, जिस दिन इकाई चेक को संसाधित कर सकती है।

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (Negotiable Instruments Act Section 138)

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत यदि चेक देने वाले व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो जाता है, तो यह एक एक अपराध है | इस प्रकार चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक जारी करने वाले व्यक्ति को 2 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए कारावास या चेक की राशि के दोगुने तक का जुर्माना या दोनों चेक बाउंस के अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है।

चेक बाउंस होने पर एक माह में करना होता है पेमेंट (Payment is Made in One Month if Cheque is Bounced.)

यदि चेक जारी करने वाले व्यक्ति के बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो जाता है, तो इसके लिए फाइन आपके बैंक अकाउंट से काट लिया जाता है | इसके साथ ही चेक बाउंस होने की स्थिति में आपको इसकी सूचना चेक जारी करने वाले व्यक्ति को देनी होती है | इसके पश्चात चेक जारी करनें वाले व्यक्ति को आपको एक माह के अंदर चेक पर अंकित धनराशि का पेमेंट करना होता है।

इसके बावजूद भी यदि चेक प्रदाता 1 माह के अन्दर चेक का पेमेंट नहीं करते है, तो आप उन्हें एक लीगल नोटिस भेज सकते है | यदि आपके द्वारा भेजी गयी नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर नहीं आता है, तो आप चेक जारी करनें वाले व्यक्ति को विरुद्ध नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 (Negotiable Instruments Act 1881) के सेक्शन 138 के अंतर्गत केस दायर कर सकते है |

South Indian Bank में अकाउंट कैसे खोले ?

चेक बाउंस होने के कारण (Due to Cheque Bounce)

चेक बाउंस होने की विभिन्न स्थितियां इस प्रकार हैं-

  • बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना- यदि चेक का भुगतान करने के लिए आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त शेष राशि नहीं है, तो बैंक चेक को अस्वीकार कर देगा और चेक राशि का भुगतान करने के लिए अपर्याप्त धनराशि बताते हुए एक मेमो के साथ भुगतानकर्ता को चेक वापस कर देगा।
  • चेक की वैधता समाप्त होने पर – एक बार चेक जारी करने के बादइसे 3 महीने के अन्दर भुगतान के लिए प्रस्तुत करना होता है । यदि आप चेक को 3 महीने के अन्दर बैंक को प्रस्तुत नहीं करते है, तो उसकी समय सीमा समाप्त हो जाती है। यदि एक्सपायरी चेक बैंक को दिया जाता है, तो वह बाउंस हो जाता है।
  • ओवरराइटिंग – यदि चेक पर ड्रॉअर या चेक राशि या किसी अन्य स्टेटमेंट के हस्ताक्षर ओवरराइट किए गए हैं, तो चेक ओवरराइटिंग के लिए बाउंस हो जाता है।
  • चेकक्षतिग्रस्त होने पर – यदि कोई चेक किसी करणवश डैमेज हो गया है और चेक पर अंकित विवरण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा है, तो चेक बाउंस हो जाएगा।
  • सिग्नेचर मिसमैच – यदि ड्रॉअर के हस्ताक्षर अस्पष्ट या बैंक के डेटा से मैच नहीं होते हैं, तो ऐसी स्थिति में चेक बाउंस हो जाएगा।
  • अंको और शब्दों में लिखी राशि का मेल न होने पर – यदि शब्दों और अंकों में उल्लिखित चेक राशि मेल नहीं खाती है, तो चेक बाउंस हो जाएगा।

Cheque Bounce Penalty Charges By Banks in Hindi

बैंक का नामजुर्माना शुल्क (जीएसटी लागू)
स्टेट बैंक ऑफ इंडियारु०1 लाख – रु०150रु०1 लाख से अधिक – रु०250 . तक की अन्य राशि का भुगतान न करें अपर्याप्त धनराशि के लिएकेवल रु०500 तकनीकी कारणों से – रु०150
      आईसीआईसीआई बैंकचेक रिटर्न आउटवर्ड (वित्तीय कारण) – रु०200 प्रति उदाहरण चेक रिटर्न इनवर्ड –   रु०500 प्रति उदाहरण रु०50 गैर-वित्तीय कारणों से हस्ताक्षर सत्यापन छोड़ने के लिए बाहरी चेक – रु०150 और अन्य बैंक शुल्क
ऐक्सिस बैंकआउटगोइंग चेक वापसी – रु०200 का चेक इनवर्ड रिटर्न  चेक रिटर्न – रु०500 प्रति आवक चेक रिटर्न (गैर-वित्तीय) – रु० 50 प्रति उदाहरण बाहरी चेक वापसी – रु०150 प्रति चेक
बैंक ऑफ बड़ौदाइनवर्ड रिटर्न रु०1 लाख तक – रु०125 रु०1 लाख से ऊपर से रु०1 करोड़ से कम – रु०250 रु०1 करोड़ से ऊपर – रु०500 आउटगोइंग रिटर्न (वित्तीय कारण) रु०1 लाख तक – रु०250 रु०1 लाख से ऊपर से रु०1 करोड़ से कम – रु०500 रु०1 करोड़ से ऊपर – रु०750 प्रति साधन अन्य कारणों से – रु०250
एचडीएफसी बैंकरु०550 जीएसटी

Bank Statement Kaise Nikale