अपना हेल्थ क्लिनिक कैसे खोले – पात्रता, Clinic खोलने के नियम व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

आपने अक्सर ही अपने आस-पास छोटे मोटे क्लिनिक देखे होंगे| इन क्लीनिकों पर जाकर आप छोटा-मोटा इलाज करवा सकते है| डॉक्टर की डिग्री प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति इन क्लीनिकों को खोल सकता है| लेकिन अब फार्मासिस्ट भी डॉक्टर्स की तर्ज पर क्लिनिक खोल पाएंगे, जिसे फार्मा क्लिनिक के नाम से शुरू कर सकते है| फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है, जिसके बाद सरकार यह अनुमान लगा रही है, कि आम नागरिको को झोला छाप डॉक्टरों से छुटकारा मिल जाएगा| केंद्र सरकार ने फार्मासिस्ट की डिग्री प्राप्त व्यक्ति को क्लिनिक खोलने और मरीजों के छोटे-मोटे इलाज को सफल करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है|

अब फार्मासिस्ट की डिग्री प्राप्त करने वाले व्यक्ति भी क्लिनिक खोलकर लोगो को दवाइया देने के साथ ही उनका छोटा-मोटा इलाज भी कर सकेंगे| अगर आप भी हेल्थ क्लिनिक खोलना चाहते है, या हेल्थ क्लिनिक खोलने से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो यहाँ आपको अपना हेल्थ क्लिनिक कैसे खोले और क्लिनिक खोलने के लिए पात्रता, Clinic खोलने के नियम व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में बता रहे है|

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हेल्थ क्लिनिक कैसे खोले (Open Health Clinic)

अगर आप हेल्थ क्लिनिक खोलना चाहते है, तो उसके लिए आपके पास बी. फार्मा (बैचलर इन फार्मेसी) की डिग्री होनी चाहिए| अगर आपके पास फार्मेंसी की यह डिग्री नहीं है, तो आप क्लिनिक नहीं खोल पाएंगे| फार्मेसी की डिग्री होने के बाद आपको PCCI में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है| रजिस्ट्रशन करवाने के साथ ही आपके पास क्लिनिक चलाने के लिए अनुभव भी होना चाहिए, जिसके लिए आपको न्यूनतम 3 महीने की मेडिकल प्रैक्टिस करना होगा| यह प्रैक्टिस आपको किसी MBBS या उससे अधिक योग्यता वाले डॉक्टर के साथ मिलकर करनी होती है|

अनुभवी डॉक्टर के साथ 3 माह की प्रैक्टिस करने के पश्चात आप अपना क्लिनिक खोल सकते है| इसके पहले फार्मेसी करने वाले विधार्थियो के पास करियर ऑप्शन काफी कम थे, जिस वजह से बीफॉर्मा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी कमी देखने को मिल रही थी, लेकिन केंद्र सरकार की क्लिनिक मंजूरी के बाद बी फार्मा करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है|

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हेल्थ क्लिनिक खोलने के नियम (Opening Health Clinic Rules)

अगर आप क्लिनिक खोलने जा रहे है, तो आपको क्लिनिक खोलने से संबंधित कुछ नियमो का पालन करना होता है, जो इस प्रकार है:-

  • क्लिनिक खोलते समय आपको साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होता है, इसके लिए आप जिस जगह पर क्लिनिक खोल रहे है, उस जगह के आस-पास का माहौल और वातावरण साफ़-सुथरा होना चाहिए, तथा क्लिनिक में भी अच्छी सफाई होनी चाहिए|
  • क्लिनिक खोलने से पहले आप अपने क्लिनिक में उपलब्ध इलाज के बारे में पोस्टर छपवा ले, और इन पोस्टर्स को क्लिनिक की दीवारों पर चिपका दे| ताकि लोग आपके क्लिनिक में होने वाले उपचारो के बारे में जान सके|
  • आपके क्लिनिक में आने वाले प्रत्येक मरीज का आपके पास पंजीकरण होना चाहिए|
  • आपके क्लिनिक में डॉक्टर के आने व जाने का समय लिखा होना चाहिए, ताकि दिए गए समय पर मरीज आकर डॉक्टर से परामर्श ले सके|
  • इसके साथ ही क्लिनिक की दीवार पर डॉक्टर की फीस भी लिखकर चिपका दे|

हेल्थ क्लिनिक खुलने के लाभ (Opening a Health Clinic Benefits)

फार्मा क्लिनिक खुलने से सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगो को मिलेगा| ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले लोग प्रथम उपचार झोलाछाप डॉक्टरों से करवाते है, जिन्हे दवाइयों और बीमारियों का सही ज्ञान नहीं होता है| वह एक अंदाज के तौर पर मरीजों का उपचार करते है| फार्मा क्लिनिक खुलने से सभी लोग प्रथम उपचार सही स्तर पर ले पाएंगे|

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हेल्थ क्लिनिक खोलने के लिए कोन-सी पढ़ाई करे (Open a Clinic Study)

अगर आप एक क्लिनिक खोलना चाहते है, उसके लिए आपके पास न्यूनतम बी फार्मा या एम फार्मा की डिग्री होनी चाहिए| यह MBBS के सामान ही होती है| क्योकि इन दोनों डिग्रियों के कोर्स में फार्मा कोग्नोसी (दवाइयां कैसे निकालें), फिजियोलॉजी, एनोटॉमी, माइक्रोबॉयोलॉजी, ज्यूरपेडेंस्ट, मेडिशनल केमिस्ट्री, बॉयोकेमिस्ट्री और मैनेजमेंट विषयों को पढ़ाया जाता है| यह कोर्स 4 वर्ष का होता है, जिसमे स्टूडेंट्स को दवा और बीमारीयों के बारे में पढ़ाया जाता है|

MBBS और बी फार्मा के कोर्स में सिर्फ इतना फर्क है, कि फार्मा की डिग्री में स्टूडेंट्स को दवाइयों के इफैक्ट के बारे में और MBBS में स्टूडेंट को ह्यूमन बॉडी पर प्रैक्टिकल करवाते है| दवाइयों का इफ़ेक्ट एनीमल स्टडी उपयोग पर आधारित होता है|

हेल्थ क्लिनिक खोलने के लिए पात्रता (Open a Health Clinic Eligibility)

क्लिनिक खोलने के लिए आपको किसी विशेष पात्रता की आवश्यकता नहीं होती है, आपके पास मेडिकल से संबंधित बैचलर ऑफ़ फॉर्मेसी (बी. फार्मा) डिग्री या डिप्लोमा इन फार्मेसी की डिग्री अवश्य होनी चाहिए| जिसके बाद आप क्लिनिक खोलने के पात्र हो जाते है, और आसानी से क्लिनिक खोल सकते है|

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क्लिनिक खोलने की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (Open a Health Clinic Registration Process)

अगर आप क्लिनिक खोलने के लिए अपने हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते है, तो आपको बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:-

  • क्लिनिक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सबसे पहले आपके पास बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए|
  • अगर आपके पास बी. फार्मा या मेडिकल डिप्लोमा है, तभी आप क्लिनिक खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते है|
  • आपको क्लिनिक खोलने के लिए द क्लीनिकल एस्टाब्लिसमेंट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाना होता है|
  • रजिस्ट्रेशन करवाते समय आपको आवेदन फॉर्म भरना होगा, जिसमे आपको कुछ सामान्य जानकारी जैसे :- अपने क्लिनिक का नाम, क्लिनिक के ओनर का नाम, पता व कुछ अन्य जानकारी भरनी होती है|
  • इसके अलावा आपको कुछ जरूरी डाक्यूमेंट्स भी क्लिनिक आवेदन फॉर्म के साथ अटैच करने होंगे|
  • आपके आवेदन फॉर्म को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चेक किया जाता है, और यदि आपके द्वारा दी गई जानकारिया सही पाई जाती है, और विभाग का अधिकारी आपकी जानकारियों से संतुष्ट होता है, तो आप कुछ ही दिनों में क्लिनिक खोलने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते है|
  • इस तरह से आप आसान प्रक्रिया को अपनाकर क्लिनिक खोलने के लिए आवेदन कर सकते है|

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