Inactive और Dormant Account में क्या अन्तर है – Inactive and Dormant Account Difference

पहले के समय में लोग अपने सभी वित्तीय कार्यो को एक ही बैंक अकॉउंट द्वारा कर लेते थे, लेकिन वर्तमान समय में बैंक अकॉउंट खुलवाने की आसानी के चलते लोग एक से अधिक अकॉउंट खुलवा लेते है| इसके अलावा कुछ लोग ऐसे होते है, जिनके पास पहले से अकॉउंट होता है, लेकिन प्राइवेट कंपनी में नौकरी के चलते कंपनी उनका खाता खुलवा देती है| ऐसे में व्यक्ति के पास एक से अधिक अकॉउंट हो जाते है, जिन्हे वह इस्तेमाल नहीं कर पाता है| अधिक समय तक बैंक अकॉउंट न इस्तेमाल करने पर बैंक ग्राहक के खाते Inactive और Dormant कर देता है| यह दोनों ही प्रक्रिया किसी खाते के साथ तब की जाती है, जब कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते के साथ अधिक समय तक लेन-देन नहीं करता है|

लेकिन यह दोनों ही प्रक्रिया अलग-अलग समय पर अपनाई जाती है| अगर आपके पास भी दो बैंक अकॉउंट है, जिसमे से आपका कोई अकॉउंट Inactive और Dormant हो गया है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है| यहाँ आपको Inactive और Dormant Account में क्या अंतर है (Inactive and Dormant Account Difference) के बारे में बता रहे है|

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इनएक्टिव और डॉर्मेंट अकाउंट क्या है (Inactive and Dormant Account)

जब कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते के साथ 12 महीने से अधिक समय हो जाने पर भी कोई ट्रांजैक्शन नहीं करता है, तो बैंक द्वारा उस खाते को निष्क्रिय (Inactive) कर दिया जाता है| अगर आपके खाते को इनएक्टिव कर दिया गया है, तो आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योकि इनएक्टिव खाता किसी तरह का लेन-देन करने से एक्टिव हो जाता है| इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते का इस्तेमाल 24 महीने से भी अधिक समय से नहीं कर रहा है, तो बैंक उस खाते को डोर्मेंट अकाउंट घोषित कर देती है| अगर आपके अकॉउंट को डॉर्मेट अकॉउंट घोषित कर दिया है, तो आप इसे सामान्य लेन-देन करके शुरू नहीं कर सकते है, डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव करने के लिए आपको बैंक में एप्लीकेशन देना होता है|

इनएक्टिव अकाउंट और डोरमेंट अकाउंट में अंतर (Inactive and Dormant Account Difference)

इनएक्टिव अकॉउंट :- अगर आपने अपने बैंक खाते से लगातार 12 महीनो तक कोई लेन-देन नहीं किया है, तो आपके खाते को इनएक्टिव अकॉउंट कहां जाएगा| इस इनएक्टिव अकॉउंट को सक्रिय करने के लिए आपको केवल नया लेन-देन करना होता है| आप अपने निष्क्रिय (Inactive) अकॉउंट में चेक/ड्राफ्ट या कोई राशि जमा करके अपने अकॉउंट को सक्रिय (Active) कर सकते है|

डॉर्मेट अकॉउंट :- अगर आपने अपने बैंक अकॉउंट से लगातार 24 महीनो तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है, तो आपके अकॉउंट को डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डाल दिया जाता है| इस डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव अकॉउंट की श्रेणी में लाने के लिए आपको लिखित एप्लीकेशन देनी होती है, या फिर आप बैंक से अकॉउंट रिऐक्टिवेशन फॉर्म ले और उसे भरकर जमा कर दे| एप्लीकेशन फॉर्म में आपको अकॉउंट डिटेल तथा खाते से लेन-देन न होने का कारण भी लिखना होता है| इसके अलावा KYC डाक्यूमेंट्स भी जमा करने होते है|

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डॉर्मेट खाता से पहले बैंक सूचना (Bank Information Before Doormat Account)

बैंक किसी भी अकॉउंट को डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डालने से पहले उस खाताधारक को सूचित कर देता है| बैंक खाता धारक को SMS, Email या फ़ोन नंबर पर कॉल करके चेतावनी देता है| यह चेतावनी खाता धारक को 3 माह पहले से ही मिलने लगती है| इस दौरान यदि खाता धारक खाते के निष्क्रिय होने का कारण बता देता है, तो बैंक उसके खाते को डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डालने की अवधि को 1 वर्ष के लिए बढ़ा देता है, और आप निर्धारित समय के अन्दर अपने खाते को चालू कर सकते है| लेकिन अगर आप फिर भी अपने अकॉउंट को एक्टिव नहीं रखते है, तो दी गई अवधि समाप्त होने के पश्चात् आपका खाता डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डाल दिया जाएगा, तथा इस तरह से खाते को संदिग्ध खाते की श्रेणी में भी डाला जा सकता है|

इनएक्टिव अकॉउंट को एक्टिव कैसे करे (Activate Inactive Account)

अगर आप अपने निष्क्रिय (Inactive) खाते को सक्रिय (Active) करना चाहते है, तो उसके लिए यहां पर आपको कुछ तरीके बताए जा रहे है:-

  • आप अपने बैंक की ब्रांच में जाकर अपने खाते में कुछ पैसे जमा कर या निकाल कर अपने खाते को एक्टिव कर सकते है|
  • चेक के माध्यम से अपने बैंक खाते से पैसे निकाले या जमा करे|
  • ATM के माध्यम से ATM मशीन पर जाकर पैसे निकाले या जमा करे|
  • इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग द्वारा पैसे जमा या निकालकर|
  • EFT या ECS द्वारा किसी तरह का भुगतान करे|
  • सीधा ब्रांच में जाकर दोबारा खाता चालू करने के लिए एप्लीकेशन दे सकते है|
  • बैंक ग्राहक सेवा नंबर पर कॉल करके दोबारा खाता एक्टिव कर सकते है|
  • इंटरनेट बैंकिंग में लॉगिन कर Service Request के Section में जाकर Account Active के विकल्प को चुने|

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डॉर्मेट अकॉउंट को कैसे एक्टिव करे (Activate Doormat Account)

अगर आप अपने डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव करवाना चाहते है, तो उसके लिए आपको बैंक में जाकर बैंक कर्मचारी को अपने डॉर्मेट अकॉउंट के बारे में बताना होगा| जिसके बाद बैंक कर्मचारी आपसे बैंक अकॉउंट को दोबारा एक्टिव करने के लिए एप्लीकेशन मांगेगा, और साथ ही KYC (Know Your Customer) डाक्यूमेंट्स की भी मांग करेगा| इसके लिए आपको आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटोकॉपी पर हस्ताक्षर कर जमा करने होंगे| इसके साथ ही आपको इतने समय तक बैंक अकॉउंट न इस्तेमाल करने की वजह भी बतानी होगी|

एप्लीकेशन और डाक्यूमेंट्स जमा करने के पश्चात् बैंक आपके डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव करने की प्रक्रिया को शुरू कर देता है| डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव करने के लिए बैंक द्वारा कोई चार्ज नहीं लिया जाता है| इसके साथ ही आपके अकॉउंट में जो भी राशि पहले से मौजूद है, वह वैसी की वैसी ही बनी रहेगी, तथा बचत खाता होने की स्थिति में ब्याज भी मिलता रहता है| डॉर्मेट अकॉउंट को एक्टिव होने में एक से दो दिन का समय लग सकता है|

इनएक्टिव और डॉर्मेट अकॉउंट होने का नियम किन खातों पर लागु होता है (Rule of Being Inactive and Dormant Account Applies)

किसी खाते का निष्क्रिय होना या उसका डॉर्मेट श्रेणी में चले जाने का नियम बचत खाता (Saving Account) और चालू खाता (Current Account) पर लागु होता है| इसके अलावा कुछ अन्य खाते जैसे ब्रोकरेज खाते व पेंशन फंड खाते होते है, जिन पर निश्चित समय में राशि जमा करने का प्रतिबंध नहीं होता है, उन खातों पर भी यह नियम लागु होता है|

इनएक्टिव अकॉउंट को एक्टिव करने के लिए क्या करना होता है?

आप किसी भी तरह का लेन-देन करके इनएक्टिव अकॉउंट को एक्टिव कर सकते है|

बैंक खाते के डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में चले जाने पर क्या करे?

अगर आपका बैंक खाता डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में चला गया है, तो उसे दोबारा शुरू करने के लिए आपको बैंक में जाकर एप्लीकेशन देना होगा|

क्या बैंक खाते को डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डालने से पहले सूचित करता है?

हां, बैंक खाता धारक को उसका अकॉउंट डॉर्मेट अकॉउंट की श्रेणी में डालने के 3 माह पहले से सूचित करने लगता है|

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