बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं ? Types of Bank Accounts in Hindi

हमारे देश में बैंक का इतिहास तक़रीबन 200 वर्ष पुराना है | लोग काफी पहले से ही बैंकिंग की सेवाओं का लाभ उठा रहे है | आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी वजह से बैंक में खाता खुलवाने की जरूरत पड़ती है | यदि कोई व्यक्ति किसी कम्पनी में कार्य कर रहा है, तो उसे सैलरी प्राप्त करने के लिए बैंक खाते की जरूरत होती है, सरकारी सेवा से रिटायर व्यक्ति को पेंशन लेने के लिए, बुजुर्ग लोगो के लिए वृद्धावस्था पेंशन, विद्यार्थी के लिए स्कॉलरशिप जैसी सेवाओं का लाभ लेने के लिए बैंक खाते की जरूरत होती है | इसमें बैंक अपने ग्राहकों को उनकी जरूरत के अनुसार खाते की सुविधा देता है, जिससे व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार बैंक में खाता खुलवा सके |

जो व्यक्ति अपनी बचत को सुरक्षित रखना चाहते है, उन्हें बचत खाता खुलवाने की जरूरत होती है, तथा व्यापार करने वाले व्यक्तियों के लिए चालू खाते की जरूरत होती है, इसी तरह से और भी खाते होते है, जिन्हे अलग-अलग कार्यो के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है | आज भी अधिकतर लोगो को बैंक में कितने प्रकार के खाते खुलवाए जा सकते है, इसकी जानकारी नहीं होती है, और अपनी जरूरत के अनुसार खाता खुलवाने में भ्रमित रहते है | इस लेख के माध्यम से प्रत्येक व्यक्तियों को बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं (Types of Bank Accounts in Hindi) की जानकारी दी जा रही है |

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बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं (Types of Bank Accounts in Hindi)

सामान्य तौर पर बैंक खाते 4 प्रकार के होते है, जिसमे बैंक अपने ग्राहकों को अलग-अलग खातों पर अलग-अलग तरह की सुविधाए और लाभ प्रदान करती है |

  • बचत खाता (Savings Account)
  • चालू खाता (Current Account)
  • आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)
  • सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)

बचत खाता (Saving Account)

यह एक बचत खाता होता है, जिसे आप किसी भी सरकारी या निजी बैंक में न्यूनतम राशि जमा करके खुलवा सकते है | यह न्यूनतम राशि प्रत्येक बैंक में अलग-अलग हो सकती है, किन्तु अधिकतर सरकारी बैंको में 1000 रूपए की न्यूनतम राशि पर खाता खुलवा सकते है | इस तरह के खाते का इस्तेमाल अपनी बचत को जमा करने, किसी भी समय धन की निकासी, सैलरी अकॉउंट के रूप में करते है | अधिकतर सैलरी अकॉउंट सेविंग अकॉउंट ही होते है | इस तरह के खाते से अपने पैसो की निकासी के लिए बैंक जाकर निकासी फॉर्म को भरकर देना होता है | इसके अलावा आप चेक या ATM Card के जरिये एटीएम मशीन से भी पैसे निकाल सकते है|

जब आप अपना सेविंग अकॉउंट खुलवाते है, तो बैंक आपको चेक बुक, डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधाए प्रदान करता है | बचत खाते को व्यक्तिगत लेन-देन के लिए इस्तेमाल में लाते है | जिसमे आप एक दिन में अधिकतम 5 बार मुफ्त में लेन-देन कर सकते है, इससे अधिक ट्रांजेक्शन करने पर आपसे बैंक द्वारा कुछ चार्ज वसूला जाता है | सेविंग अकॉउंट को आप सिंगल या जॉइंट अकॉउंट के रूप में भी खुलवा सकते है, तथा इस खाते की खास बात यह कि इसमें ग्राहकों को उनकी जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है | इस ब्याज की दर 4 से 6% अलग-अलग बैंक के अनुसार होती है |

चालू खाता (Current Account)

चालू खाता जिसे करंट अकॉउंट कहते है | इस तरह के खाते का इस्तेमाल मुख्य रूप से कंपनी, व्यावसायिक फर्म, इंडस्ट्री, सोसाइटी अकॉउंट या अस्पतालों द्वारा किया जाता है | इनमे पैसो का लेन-देन भारी संख्या में किया जाता है, इसमें ट्रांजेक्शन या अमाउंट पर किसी तरह की सिमा तय नहीं होती है | यह बिना लिमिट वाला खाता होता है, जिसमे जमा राशि पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं मिलता है | यह एक चालू खाता है, जो निरंतर रूप से चलता रहता है |

किसी भी तरह का व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों द्वारा चालू खाते को ही इस्तेमाल में लाया जाता है | इस चालू खाते को चालू रखने के लिए एक न्यूनतम राशि को रखना अनिवार्य होता है, अन्यथा बैंक द्वारा पेनल्टी लगाई जाती है तथा खाते को बंद भी किया जा सकता है | चालू खाते को मेन्टेन रखने के लिए बैंक द्वारा खाता धारक से Service Charge भी लिया जाता है | इसके अलावा बैंक व्यापारियों को Over Draft की सुविधा देता है |

आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account) 

आवर्ती जमा खाता उन लोगो के लिए उपयुक्त होता है, जो नियमित रूप से बचत करना चाहते है, तथा एक निश्चित समय पर जमा राशि के साथ रिटर्न अर्जित करना चाहते है | यह एक निश्चित अवधि के लिए खोला जाने वाला खाता है, जिसमे जमा की अवधि न्यूनतम 6 माह से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक हो सकती है | इसमें खाताधारक को प्रत्येक माह में एक बार एक निश्चित राशि को अपने खाते में जमा करना होता है, तथा समय अवधि पूरी हो जाने पर जमाकर्ता को ब्याज सहित सम्पूर्ण राशि लोटा दी जाती है |

इसके अलावा समय अवधि के मध्य में पैसो को निकाला नहीं जा सकता है, किन्तु यदि ग्राहक चाहे तो अपने खाते को परिपक्वता से पहले भी बंद कर सकता है, तथा उस अवधि तक जमा राशि पर ब्याज के साथ बैंक द्वारा राशि का भुगतान कर दिया जाता है | इसके लिए ग्राहक को बैंक में एप्लीकेशन देनी होती है, जिसके बाद खाते को बंद करने की मंजूरी दे दी जाती है| बचत खाते की तुलना में इस तरह के खाते में जमा राशि पर अधिक ब्याज मिलता है, लेकिन सावधि जमा दर कम होती है |

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सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)

सावधि जमा खाता एक लोकप्रिय खाता है, जिसे उन लोगो द्वारा अधिक पसंद किया जाता है, जिनके पास प्रचुर मात्रा में धन होता है, और वह लम्बी अवधि के लिए अपने धन को बचाना चाहते है | इस तरह के लोग सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाते को खुलवा सकते है | इस तरह का खाता रिटायर्ड या मध्यम परिवार वाले लोगो द्वारा अधिक इस्तेमाल किया जाता है, जिनका उद्देश्य अपने बच्चो की पढ़ाई या शादी के लिए बचत करना होता है | बचत खाते में जहा आपको 3 से 5% की दर से ब्याज मिलता है, वही सावधि जमा खाते (FD – Fixed Deposit) में 8 से 10% तक का ब्याज मिलता है |

इसमें आप धन राशि को एक निश्चित समय अवधि 1 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक के लिए जमा कर सकते है | इस बीच यदि कोई व्यक्ति अपनी किसी जरूरत को पूरा करने के लिए सावधि जमा खाते से पैसो को निकालता है, तो वह FD तोड़कर राशि निकाल सकते है, किन्तु बैंक द्वारा राशि पर कुछ पेनाल्टी लगाई जाती है, तथा शेष राशि को लोटा दिया जाता है |

यहाँ पर आपको उन चार मुख्य खातों के बारे में बताया गया है | इसके अलावा कई अन्य बैंक है, जो और भी तरह के खाते खोलने कि सुविधा अपने ग्राहकों को देते है, जो इस प्रकार है:-

बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts)

इस तरह के खाते को भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2005 में जारी किया था | जिसका उद्देश्य समाज से वंचित गरीब लोगो तक बैंक की सुविधाओं को पहुँचाना था | इस तरह के खाते को बिना किसी न्यूनतम राशि के खुलवाया जा सकता है, तथा खाताधारक को अपने खाते में न्यूनतम राशि रखने की भी जरूरत नहीं होती है| वर्ष 2012 में आरबीआई ने ‘नो फ्रिल खातों’ को बुनियादी बचत खाते में परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे| मूल बचत बैंक जमा खाते के दिशानिर्देशों भारत में मौजूद सभी बैंको चाहे वह अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक हो या विदेशी सभी पर लागु होते है| यदि खाताधारक अपने खाते को नहीं भी चलाता है, फिर भी बैंक ग्राहक से किसी तरह का शुल्क नहीं ले सकता है | इसमें ग्राहकों को एक माह में 4 मुफ्त निकासी ATM सहित की अनुमति दी जाती है, इसके बाद बैंक द्वारा चार्ज लगाया जाएगा |

ऋण लेने के लिए अकॉउंट (Loan Account)

आज के समय में हर किसी व्यक्ति को लोन लेने की जरूरत पड़ ही जाती है | किन्तु जब आप लोन लेते है, तो उस लोन राशि के लिए आपको एक अलग से अकॉउंट खुलवाना होता है, जिसे ऋण अकॉउंट कहते है | इस तरह के खाते में आवेदक द्वारा लिए गए ऋण के अनुसार एक लिमिट को तय कर दिया जाता है | जिसमे से वह जब चाहे अपनी जरूरत के अनुसार पैसे निकाल सकता है, उदाहरण के लिए:- किसान भाई के लिए KCC (Kisan Credit Card) जारी किया है, जिसकी लिमिट 4 लाख रही गयी है|

इसमें से किसान भाई अपनी जरूरत के अनुसार 4 लाख रूपए तक निकाल सकते है, तथा निकाली गयी धन राशि पर ही किसानो को ब्याज देना होता है, न कि ऋण की लिमिट पर जो कि 4 लाख है, इसी तरह से ऋण अकाउंट में भी होता है, आप जितना ऋण लेते है, तथा अपने ऋण खाते से जितनी राशि निकालेंगे आपकी उतनी ही राशि पर ब्याज लगता है, न की ऋण खाते में पड़ी राशि पर |

  • Senior Citizen Saving Account.
  • Women Saving Account.
  • Student Saving Account.
  • Kids Account.
  • No Frill Account.
  • NRI Bank Accounts.
  • Jan Dhan Saving Bank Accounts.
  • Sweep Bank Accounts.
  • Minor Bank Accounts.

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