आज के इस आधुनिक युग में धन की बचत करना काफी कठिन है| हालाँकि बहुत से लोग पैसों की सेविंग करनें के मामले में बहुत ही माहिर होते है, जबकि कुछ लोगो की आय बहुत ही अच्छी होती है, परन्तु बचत के नाम पर उनके पास कुछ नही होता है | अधिकांश लोग धन की बचत करनें के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते है |
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वर्तमान समय में बचत के लिए सरकारी, गैर-सरकारी बैंकों तथा डाकघर द्वारा आरडी (RD) और एफडी (FD) आदि अनेक प्रकार की सुविधाएँ दे रही है | आज हम आपको अपनें इस लेख के माध्यम से एफडी (FD) के बारें में पूरी जानकारी दे रहे है, तो आईये जानते है, एफडी (FD) क्या होता है, फुल फॉर्म, FD Account कैसे खोले, ब्याज़ दर के बारें में |
Table of Contents
एफडी का फुल फॉर्म (FD Full Form)
FD (एफडी) का फुल फॉर्म ‘Fixed Deposit’ (फिक्स्ड डिपाजिट) होता है | एफडी को हिंदी में ‘सावधि जमा’ कहते है | एफडी अर्थात फिक्स्ड डिपॉजिट के अंतर्गत निवेशकों द्वारा निवेश किये गये धन को एक निश्चित अवधि तक छोड़ना होता है | दरअसल, एफडी लेने का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए बचत करना होता है।
FD Full Form In English | ‘Fixed Deposit’ |
एफडी फुल फॉर्म इन हिंदी | ‘सावधि जमा’ |
एफडी क्या होता है (What Is Fixed Deposit- FD)
फिक्स्ड डिपॉजिट अर्थात एफडी सेविंग करनें का एक अत्यधिक सुरक्षित और सरल तरीका है | एफडी अकाउंट लेने पर निवेशकों को सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें निवेश करनें से पहले ही आपको इस बात की जानकारी मिल जाती है, कि कि मैच्यूरिटी पर आपको कितना लाभ प्राप्त होगा | दूसरे शब्दों में, निवेशकों द्वारा जमा धनराशि पर उन्हें पहले से निर्धारित दर से ब्याज मिलता है | किसी भी प्रकार की स्थिति में उन्हें निर्धारित राशि से न ही कम मिलता है और न ही अधिक |
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किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा धनराशि को एक निश्चित समय अवधि से पहले नहीं निकला जा सकता है | यदि कोई निवेशक किसी विशेष परिस्थित में इस पैसे को निकालना चाहता है, तो उन्हें इसके लिए सम्बंधित बैंक या डाकघर में पहले से सूचना देनी पड़ती है | हालाँकि इसके लिए निवेशक को जुर्माना भी देना पड़ता है | आपको बता दें, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की न्यूनतम अवधि 6 माह और अधिकतम समय अवधि 10 वर्ष तक की होती है |
एफडी पर ब्याज दर क्या होती है (What is The Interest Rate on FD)
यदि हम एफडी पर मिलनें वाले ब्याज दर की बात करे, तो इसमें सिंपल सेविंग अकाउंट (Saving Account) और करंट अकाउंट (Current Account) की अपेक्षा ब्याज अधिक मिलता है | हालाँकि कुछ समय पूर्व फिक्स्ड डिपाजिट अमाउंट पर निवेशकों को लगभग 15 प्रतिशत ब्याज मिलता था परन्तु इस वर्तमान समय में एफडी में इंटरेस्ट रेट घटकर 7 से 9 प्रतिशत हो गया है |
इसके आलावा अपनें बचत खाते का एफडी करवाने पर निवेशकों की धनराशि मात्र चार से पांच वर्ष (Four to Five Years) में दोगुनी अर्थात डबल हो जाती थी | जबकि इस समय पैसा दोगुना होनें में कम से कम आठ से दस वर्ष का समय लगता है | यहाँ तक कि आगामी आने वाले समय में एफडी की गयी धनराशि को डबल होनें में समय और अधिक लग सकता है |
एफडी अकाउंट पर ब्याज दर कम होनें का कारण (Reasons for Low Interest Rate on FD)
एफडी अकाउंट पर ब्याज दर कम होनें का मुख्य कारण यह है, कि जब किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक द्वारा प्रति वर्ष मुद्रास्फीति समायोजन (Inflation Adjustment) किया जाता है, तो मुद्रा की कीमत में कमी आ जाती है |
निरंतर महंगाई बढ़नें से लगभग सभी देशों की मुद्राओं में लगातार कमी होती जा रही है। जिसके कारण लोगो के बैंक अकाउंट में जमा धनराशि पर केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा कटौती की जाती है अर्थात ब्याज दर कम हो जाती है|
एफडी अकाउंट से लाभ (FD Account Benefits)
- एफडी के माध्यम से धन का निवेश करनें का सबसे सुरक्षित तरीका है, जिस पर मार्किट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है|
- फिक्स डिपोजिट में निवेशकों द्वारा जमा की गयी धनराशि पर ब्याज दर अन्य खातों की अपेक्षा अधिक होती है|
- एफडी में पांच वर्ष के लिए पैसा जमा करनें पर निवेशकों को इनकम टैक्स में छूट मिलनें के साथ ही इसमें जमा मूलधन और मिलनें वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
- निवेशक को तत्काल धन की आवश्यकता पड़ने पर वह अपनें एफडी अकाउंट से ऋण ले सकते है और अपनी सहूलियत के मुताबिक धन की वापसी कर सकते है|
- आप फिक्स डिपोजिट सुविधा का लाभ किसी भी बैंक से लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Companies) से प्राप्त कर सकते है |
एफडी पर टैक्स कटौती का नियम (Tax Deduction Rule on FD)
एफडी पर टैक्स निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) के आधार पर 0 से 30 फीसदी तक कटता है | यदि आपको एफडी से एक वर्ष में 10 हजार रुपये से अधिक ब्याज प्राप्त होता है, तो निवेशक को एफडी पर 10 फ़ीसदी टैक्स अर्थात कर का भुगतान करना होगा | हालाँकि इसके लिए निवेशक को अपनें पैन कार्ड (PAN Card) की छाया-प्रति जमा करना आवश्यक होता है, पैन कार्ड जमा न करनें की स्थिति में 20 फीसदी टीडीएस कट जाता है |
टैक्स कटौती (Tax Deducted) से बचनें के लिए निवेशकों को फॉर्म 15A फॉर्म जमा करना होता है | दरअसल यह ऐसे निवेशकों के लिए लागू होता है, जो किसी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आते है | यदि निवेशक सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) है, तो उन्हें टैक्स कटौती से बचनें के लिए 15H फॉर्म जमा करना आवश्यक होता है |
एफडी अकाउंट खोलनें हेतु आवश्यक दस्तावेज
- पहचान का प्रमाण (Proof of Identification)
- निवास प्रमाण पत्र (Address Proof)
- पैन कार्ड की छाया प्रति (Photocopy of PAN Card)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)
- फिक्स्ड डिपाजिट (FD) फॉर्म Fixed Deposit (FD) Form
- आप जितने रुपयों की FD कराना चाहते है, उसकी चेक (Check the amount of FD)
एफडी अकाउंट कैसे खोले (How To Open FD Account)
यदि आप अपनी धनराशि को एफडी अकाउंट में जमा करना चाहते है, तो आप इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से एफडी अकाउंट ओपन कर सकते है| ऑफलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत आपको अपनें नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाना होगा| सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात आपको एक फॉर्म भरनें के साथ ही एफडी की जानें वाली धनराशि या चेक देना होगा|
इसके आलावा आप इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आप घर बैठे ऑनलाइन एफडी अकाउंट ओपन कर सकते है| इसके लिए आप जिस बैंक या डाकघर में एफडी अकाउंट खोलना चाहते है, उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा|
एफडी के प्रकार (Fixed Deposit Types)
- स्टैण्डर्ड टर्म डिपॉजिट्स:- इस डिपॉज़िट्स में एक निश्चित अवधि के लिए निर्धारित ब्याज दर पर धनराशि को निवेश किया जाता है| इसमें निवेश की अवधि न्यूनतम 7 दिन से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक हो सकती है| स्टैण्डर्ड टर्म डिपॉजिट्स में ब्याज दर और निवेश की अवधि संस्था पर निर्भर करती है|
- सीनियर सिटीजन एफडी:- सभी बैंक और एनबीएफसी संस्थाए अन्य निवेशकों की तुलना में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु) को एफडी पर अधिक ब्याज दर प्रदान करती है| इसके अलावा वरिष्ठ नागरिको को एफडी पर मिले ब्याज पर कर कटौती भी नहीं की जाती है|
- रेकरिंग डिपॉजिट:- यह भी एक तरह की एफडी स्कीम है, जिसमे धनराशि को मासिक या त्रैमासिक अवधि के लिए जमा किया जाता है| इस एफडी में ब्याज दर पहले से ही निर्धारित होती है, तथा परिपक्व अवधि पूरी होते ही ब्याज के साथ धनराशि प्राप्त होती है|
- कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट:- कुछ कॉरपोरेट संस्थाएं भी फिक्स्ड डिपाजिट की सुविधा प्रदान करती है| यह कॉरपोरेट संस्थाए एनबीएफसी और बैंको की तुलना में अधिक ब्याज प्रदान करती है| लेकिन अन्य एफडी की तुलना में कॉर्पोरेट एफडी अधिक जोखिम वाली होती है| क्योकि अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो आपके द्वारा जमा की गई राशि के मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है|
- एनआरआई फिक्स्ड डिपॉजिट:- एनआरआई एफडी उन निवेशकों के लिए ज्यादा अच्छा विकल्प है, जो विदेशी करेंसी में कमाई करते है| विदेशी करेंसी में उतार-चढ़ाव होता रहता है, लेकिन एनआरआई एफडी की खास बात यह है, कि ब्याज सहित राशि पूरी तरह से कर मुक्त होती है|
Minimum/Ideal Cibil Score for Loan
बैंको में एफडी की ब्याज दर (FD Interest Rate in Banks)
एफडी में सबसे खास चीज ब्याज दर होती है| यह निवेश की गई राशि पर मिलने वाला लाभ होता है| भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर एफडी के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस जारी करता रहता है| इसी गाइडलाइंस के अनुसार वित्तीय संस्थाए ब्याज दर प्रदान करती है| अलग-अलग संस्थाओ में एफडी की ब्याज दर भी अधिक होती है, जिसका सीधा असर एफडी राशि पर पड़ता है| वर्तमान समय में एफडी पर तकरीबन 7-9% की दर से ब्याज दिया जा रहा है| यहाँ आपको किस बैंक में एफडी करने पर कितना ब्याज मिलेगा, की जानकारी दी जा रही है:-
बैंक का नाम | सामान्य नागरिक के लिए ब्याज दर | वरिष्ठ नागरिक के लिए ब्याज दर |
SBI Bank FD | 5.30% से 5.40% वार्षिक | 5.80% से 6.20% वार्षिक |
HDFC Bank FD | 2.50% से 5.60% वार्षिक | 3.00% से 6.35% वार्षिक |
Punjab National Bank FD | 2.90% से 5.25% वार्षिक | 3.50% से 5.75% वार्षिक |
Canara Bank FD | 2.90% से 5.40% वार्षिक | 2.90% से 5.90% वार्षिक |
Axis Bank FD | 2.50% से 5.75% वार्षिक | 2.50% से 6.50% वार्षिक |
Bank of Baroda FD | 2.80% से 5.25% वार्षिक | 3.30% से 6.25% वार्षिक |
IDFC Bank FD | 2.50% से 6.00% वार्षिक | 3.00% से 6.50% वार्षिक |
Bank of India FD | 2.85% से 5.05% वार्षिक | 3.35% से 5.55% वार्षिक |
Punjab and Sind Bank FD | 3.00% से 5.30% वार्षिक | 3.50% से 5.80% वार्षिक |
स्मॉल फाइनेंस बैंकों में एफडी की ब्याज दर:-
बैंक का नाम | ब्याज दर प्रति वर्ष | |||
अधिकतम स्लैब | 1 वर्ष में | 3 वर्ष में | 5 वर्ष में | |
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.00% | 6.75% | 8.00% | 7.25% |
कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.50% | 7.50% | 7.15% | 7.10% |
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.50% | 8.20% | 8.00% | 7.25% |
ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.50% | 6.00% | 6.75% | 6.25% |
फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.61% | 7.65% | 8.11% | 8.00% |
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.50% | 8.00% | 8.50% | 7.25% |
नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.50% | 7.00% | 7.75% | 6.25% |
शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.65% | 8.10% | 8.00% | 7.00% |
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.60% | 6.85% | 8.60% | 8.25% |
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.25% | 8.25% | 7.20% | 7.20% |
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक | 9.00% | 7.35% | 7.65% | 7.65% |
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.50% | 8.00% | 8.50% | 7.50% |
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प्राइवेट बैंको में एफडी की ब्याज दर:-
बैंक का नाम | ब्याज दर प्रति वर्ष | |||
अधिकतम स्लैब | 1 वर्ष में | 3 वर्ष में | 5 वर्ष में | |
एक्सिस बैंक | 7.10% | 6.70% | 7.10% | 7.00% |
बंधन बैंक | 7.85% | 7.25% | 7.25% | 5.85% |
सिटी यूनियन बैंक | 7.00% | 6.75% | 6.50% | 6.25% |
CSB बैंक | 7.35% | 5.00% | 5.75% | 5.75% |
DBS बैंक | 7.50% | 6.25% | 6.50% | 6.50% |
DCB बैंक | 7.90% | 7.15% | 7.60% | 7.40% |
धनलक्ष्मी बैंक | 7.25% | 6.75% | 6.50% | 6.60% |
फेडरल बैंक | 7.40% | 6.80% | 6.60% | 6.60% |
HDFC बैंक | 7.20% | 6.60% | 7.00% | 7.00% |
ICICI बैंक | 7.10% | 6.70% | 7.00% | 7.00% |
IDBI बैंक | 7.25% | 6.80% | 6.50% | 6.50% |
IDFC फर्स्ट बैंक | 7.75% | 6.50% | 7.25% | 7.00% |
इंडसइंड बैंक | 7.85% | 7.50% | 7.25% | 7.25% |
जम्मू और कश्मीर बैंक | 7.50% | 7.10% | 6.50% | 6.50% |
कर्नाटका बैंक | 7.25% | 6.95% | 6.50% | 6.50% |
करूर वैश्य बैंक | 7.50% | 7.00% | 7.00% | 6.50% |
कोटक महिंद्रा बैंक | 7.25% | 7.10% | 6.50% | 6.20% |
नैनीताल बैंक | 7.05% | 6.70% | 6.25% | 5.75% |
RBL बैंक | 7.80% | 7.00% | 7.10% | 7.10% |
SBM बैंक | 7.75% | 7.05% | 7.30% | 7.75% |
साउथ इंडियन बैंक | 7.30% | 6.60% | 6.50% | 6.00% |
तमिलनाडू मर्केंटाइल बैंक | 7.00% | 7.00% | 6.50% | 6.50% |
यस बैंक | 7.75% | 7.25% | 7.25% | 7.25% |
टैक्स सेविंग एफडी की ब्याज दर:-
बैंक | आम नागरिकों के लिए | वरिष्ठ नागरिकों के लिए |
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.25% वार्षिक | 7.75% वार्षिक |
एक्सिस बैंक | 7.00% वार्षिक | 7.75% वार्षिक |
बंधन बैंक | 5.85% वार्षिक | 6.60% वार्षिक |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 6.50% वार्षिक | 7.15% से 7.50% वार्षिक |
बैंक ऑफ इंडिया | 6.00% वार्षिक | 6.75% से 6.90% वार्षिक |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 6.00% वार्षिक | 6.50% वार्षिक |
कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.10% वार्षिक | 7.75% वार्षिक |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 6.25% वार्षिक | 6.75% वार्षिक |
DCB बैंक | 7.40% वार्षिक | 7.90% वार्षिक |
फेडरल बैंक | 6.60% वार्षिक | 7.25% वार्षिक |
फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.00% वार्षिक | 8.60% वार्षिक |
HDFC बैंक | 7.00% वार्षिक | 7.50% वार्षिक |
ICICI बैंक | 7.00% वार्षिक | 7.50% वार्षिक |
IDBI बैंक | 6.50% वार्षिक | 7.00% वार्षिक |
IDFC फर्स्ट बैंक | 7.00% वार्षिक | 7.50% वार्षिक |
इंडियन बैंक | 6.10% से 6.25% वार्षिक | 6.60% से 6.75% वार्षिक |
इंडियन ओवरसीज़ बैंक | 6.50% वार्षिक | 7.00% वार्षिक |
इंडसइंड बैंक | 7.25% वार्षिक | 8.00% वार्षिक |
जम्मू और कश्मीर बैंक | 6.50% वार्षिक | 7.00% वार्षिक |
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.25% वार्षिक | 7.75% वार्षिक |
कर्नाटक बैंक | 6.50% वार्षिक | 6.90% वार्षिक |
कोटक महिंद्रा बैंक | 6.20% वार्षिक | 6.70% वार्षिक |
करूर वैश्य बैंक | 5.90% वार्षिक | 5.90% वार्षिक |
पंजाब व सिंध बैंक | 6.00% वार्षिक | 6.50% वार्षिक |
पंजाब नेशनल बैंक | 6.50% वार्षिक | 7.00% वार्षिक |
RBL बैंक | 7.10% वार्षिक | 7.60% वार्षिक |
SBM बैंक | 7.75% वार्षिक | 8.25% वार्षिक |
शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.00% वार्षिक | 7.50% वार्षिक |
साउथ इंडियन बैंक | 6.00% वार्षिक | 6.50% वार्षिक |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 6.50% वार्षिक | 7.50% वार्षिक |
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.25% वार्षिक | 8.75% वार्षिक |
तमिलनाडू मर्केंटाइल बैंक | 6.50% वार्षिक | 7.00% वार्षिक |
यूको बैंक | 6.20% वार्षिक | 6.70% वार्षिक |
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.20% वार्षिक | 7.70% वार्षिक |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 6.70% वार्षिक | 7.20% वार्षिक |
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.50% वार्षिक | 8.10% वार्षिक |
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फॉरेन बैंकों में एफडी की ब्याज दर:-
बैंक का नाम | ब्याज दर | |||
अधिकतम स्लेब दर | 1 वर्ष के लिए | 3 वर्ष के लिए | 5 वर्ष के लिए | |
सिटी बैंक | 7.77% | 7.25% | 3.50% | 3.50% |
डॉयचे बैंक | 8.00% | 7.00% | 8.00% | 7.50% |
HSBC बैंक | 7.25% | 4.00% | 7.00% | 6.00% |
स्टैंडर्ड चार्टर्ड | 7.50% | 7.15% | 7.10% | 6.75% |
कंपनी/कॉर्पोरेट में एफडी की ब्याज दर:-
कंपनी | ब्याज दर | अवधि | वरिष्ठ नागरिक के लिए अतिरिक्त ब्याज दर | ||
1 वर्ष के लिए | 3 वर्ष के लिए | 5 वर्ष के लिए | |||
बजाज फाइनेंस लिमिटेड | 7.40% | 8.05% | 8.05% | 12-60 महीने | 0.25% |
HDFC लिमिटेड (2 करोड़ की रेगुलर एफडी पर) | 7.10% | 7.40% | 7.40% | 12-120 महीने | 0.25% |
ICICI होम फाइनेंस | 7.00% | 7.45% | 7.30% | 12-120 महीने | 0.25% |
केरल ट्रांसपोर्ट डेवलप्मेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन | 7.00% | 7.00% | 6.75% | 12-60 महीने | 0.25% |
LIC हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड | 7.25% | 7.75% | 7.75% | 12-60 महीने | 0.25% |
महिंद्रा फाइनेंस | 7.60% | 8.05% | 8.05% | 12-60 महीने | 0.25% |
मनीपाल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड | 8.25% | 8.25% | 7.75% | 12-60 महीने | 0.25% |
मुथूट कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड | 7.21% | 8.07% | 8.38% | 12-60 महीने | 0.50% |
PNB हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड | 7.45% | 7.85% | 7.65% | 12-120 महीने | 0.30% |
श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड | 7.53% | 8.18% | 8.27% | 12-60 महीने | 0.50% |
सुंदरम होम फाइनेंस | 7.45% | 7.75% | 7.90% | 12-60 महीने | 0.50% |
सुंदरम फाइनेंस | 7.45% | 7.75% | – | 12-36 महीने | 0.35% |
मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने के नुकसान (Breaking FD Before Maturity Disadvantages)
अगर आप अपनी एफडी मैच्योरिटी के पूरा होने से पहले ही तुड़वा लेते है, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है| यदि आपने 1 वर्ष के लिए एफडी किया हुआ है, और आप 6 महीने में ही एफडी तोड़ देते है, तो आपको काफी कम ब्याज मिलेगा, साथ ही बैंक एफडी पर कुछ जुर्माना भी लगाती है|
एफडी और रेकरिंग डिपॉजिट में अंतर (FD and Recurring Deposit Difference)
एफडी और रेकरिंग डिपॉजिट दोनों में मिलने वाली ब्याज दर एक समान है, लेकिन धनराशि जमा करने का तरीका बिल्कुल अलग है| एफडी में जमा की जाने वाली राशि को एक साथ जमा किया जाता है, जबकि रेकरिंग डिपॉजिट में धनराशि को किश्त के रूप में निर्धारित समय में देना होता है|
फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा धनराशि अवधि पूरी होने पर निकाली जा सकती है, लेकिन अगर समय से पहले राशि निकालते है, तो जुर्माना काटा जाता है| जबकि रेकरिंग डिपॉजिट में यदि कोई व्यक्ति समय से पहले छोड़ना चाहता है, तो बैंक उस ब्याज राशि पर कोई जुर्माना नहीं लगाता है|
एफडी लोन (FD Loan)
एफडी में आपको लोन की भी सुविधा मिलती है, मतलब जरूरत पड़ने पर आप अपनी एफडी के बदले लोन भी ले सकते है| एफडी में निवेश करने वाला व्यक्ति जमा की गई राशि पर 90% तक लोन ले सकता है| फिक्स्ड डिपॉजिट पर लिए गए लोन की अवधि एफडी अवधि से कम या बराबर हो सकती है| इसके अलावा लोन की ब्याज दर एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर से 1-2% तक अधिक होती है| फिक्स्ड डिपाजिट लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि आप फाइनेंशियल इमरजेंसी में आसानी से अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन ले सकते है| एफडी निवेशक लोन लेने के बाद भी अपनी एफडी पर ब्याज प्राप्त करता रहता है|
एफडी में कौन-कौन व्यक्ति निवेश कर सकता है?
भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, निजी या पब्लिक कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, सोसायटी या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) एफडी खाता खुलवा सकते है|
एफडी योजना में निवेश की अधिकतम और न्यूनतम अवधि क्या है?
एफडी योजना में आप न्यूनतम 7 दिन की अवधि और अधिकतम 10 वर्ष की अवधि के लिए निवेश कर सकते है| लेकिन कुछ बैंक 20 वर्ष की लंबी अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाए प्रदान करती है| हालाँकि NBFCs संस्थाओ में न्यूनतम निवेश अवधि 12 महीने है|
कर बचत फिक्स्ड डिपॉजिट की न्यूनतम लॉक–इन अवधि क्या है?
एफडी में टैक्स सेविंग की न्यूनतम लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है|
फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर बैंक कितना टैक्स लेती है?
यदि सामान्य व्यक्ति को एफडी पर सालाना 40 हज़ार रूपए से अधिक और वरिष्ठ नागरिक को सालाना 50 हज़ार रूपए से अधिक ब्याज मिल रहा है, तो उस पर 10% TDS कटेगा|
क्या एफडी खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है?
हाँ, एफडी खाता खुलवाने में पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन अगर आपके पास पैन कार्ड मौजूद नहीं है, तो आप फॉर्म 60/61 के माध्यम से भी निवेश कर सकते है|