ईटीएफ फंड क्या है । निवेश कैसे करे । ETF फुल फॉर्म । ईटीएफ के फायदे

अगर आप अपने भविष्य के लिए चिंतित है, और सेवानिवृत्ति के बाद एक बड़ी राशि सुनिश्चित करना चाहते है, या भविष्य में अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त धन इकठ्ठा करने के विकल्प को तलाश रहे है, तो आप निवेश को विकल्प बना सकते है| वर्तमान समय में लोगो के पास अपना पैसा निवेश करने के लिए कई विकल्प मौजूद है, जिसमे से एक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) है|

ईटीएफ निवेश प्रणाली शेयरों के सेट में निवेश करती है, और एक खास तरह के इंडेक्स को ट्रैक करता है| आप ईटीएफ में निवेश कर कई फ़ायदे प्राप्त कर सकते है, यहाँ पर आपको ईटीएफ फंड क्या है, ईटीएफ फंड में निवेश कैसे करे, ETF फुल फॉर्म और ईटीएफ के फायदे बता रहे है|

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ईटीएफ फंड क्या है (ETF Fund)

ईटीएफ फंड एक प्रकार का निवेश है, जो निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड पर खरीद फरोख्त के लिए एक टोकरी प्रदान करता है| इसमें बॉन्ड, कोमोडिटीज, मुद्रा और स्टॉक से लेकर आधुनिक प्रतिभूतिया भी शामिल है| ईटीएफ एक व्यापार के सामान है, जिसमे बॉन्ड और स्टॉक को ख़रीदा बेचा जाता है| यह म्यूचुअल फंड की तरह है, किन्तु ईटीएफ को म्यूचुअल फंड के विपरीत ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेच सकते है| ईटीएफ निवेशकों को कम लागत पर रियल टाइम में विभिन्न फंडों में निवेश करने के अवसर प्रदान करती है| एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का कारोबार शेयर बाजार में किया जाता है, जिसमे निवेशक चाहे तो दलाल के माध्यम से अपने ईटीएफ शेयर खरीद व बेच सकता है|

ईटीएफ फुल फॉर्म (ETF Full Form)

ETF का फुल फॉर्म ‘Exchange Traded Fund’ है, जिसे हिंदी भाषा में ईटीएफ ‘विनिमय व्यापार फंड’ बाजार कहते है| ईटीएफ एक व्यापार की तरह है, जिसमे निवेशक लाभ प्राप्त करने के लिए निवेश कर सकता है|

ईटीएफ कैसे काम करता है (ETF Work)

फंड प्रोवाइडर जो अंतर्निहित परिसंपत्तियों का स्वामी है, जमा के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए फंड तैयार करता है| इसके बाद निवेशकों को इस ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के शेयर बेचे जाते है| जिसके बाद निवेशक के पास ईटीएफ का कुछ प्रतिशत होता है, लेकिन ईटीएफ की विभिन्न संपत्तियों का स्वामित्व नहीं होता है| निवेशक ETF में शामिल स्टॉक्स से लाभांश प्राप्त करता है|

ईटीएफ शेयर की संख्या में दैनिक बदलाव हो सकता है, क्योकि यह नए शेयर को जारी करने के साथ ही मौजूदा शेयर को मुक्त कर सकता है, जिससे ईटीएफ की मार्केट वैल्यू को प्रतिभूतियों के अनुरूप कम-ज्यादा भी कर सकते है|

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ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में अंतर (ETF and Mutual Fund Difference)

साधारण तौर पर निवेशक को ईटीएफ और म्यूच्यूअल फंड एक जैसा लगता है, हालाँकि दोनों फंड में कुछ अंतर है, जो इस प्रकार है:-

  • ईटीएफ और म्यूचुअल फंड के मध्य सबसे बड़ा अंतर यह है, कि ईटीएफ का कारोबार पूरे कारोबारी दिन में कर सकते है, लेकिन म्यूचुअल फंड में फंड को केवल बाजार दिन के बंद होने के बाद ही खरीद या बेच सकते है|
  • ईटीएफ सामान्यता बाजार सूचकांक को ट्रैक करता है, क्योकि प्रबंधक इसे निष्क्रिय रूप से व्यवस्थित करता है| वही म्यूचुअल फंड को विशेषज्ञ निधि प्रबन्धक के साथ सक्रीय रूप से व्यवस्थित किया जाता है, जिससे लाभ कमाने के लिए संपत्ति की खरीद व बिक्री पर नज़र रखी जा सकती है|
  • ईटीएफ में शुल्क और व्यय का अनुपात कम होता है, क्योकि यह निष्क्रिय रूप से व्यवस्थित होता है, जबकि म्यूचुअल फंड को व्यवस्थित करने के लिए उच्च शुल्क लगता है, क्योकि यह सक्रिय रूप से व्यवस्थित होता है|
  • ईटीएफ निवेशकों को सिर्फ फंड बेचने के दौरान कर का भुगतान करना होता है, जबकि म्यूचुअल फंड निवेशकों को स्वामित्व श्रृंखला के दौरान ही कर चुकाना होता है|

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ईटीएफ के प्रकार (ETF Types)

ईटीएफ विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओ के अनुसार कई प्रकार के निवेश की सुविधा प्रदान करता है, जो इस प्रकार है:- 

  • गोल्ड ईटीएफ:- गोल्ड ईटीएफ में निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गोल्ड की खरीद फरोख्त कर सकते है, और एक मार्केट से दूसरे मार्केट में व्यापार कर लाभ ले सकते है| भारत में गोल्ड ईटीएफ की शुरुआत 2007 से हुई, और NSE और BSE में यह विनियमित उपकरण है| गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज को 1 GM यूनिट आकार में ट्रेड किया जाता है, तथा इसमें गोल्ड की कीमत मार्केट में चल रहे, फिजिकल गोल्ड के उतार-चढ़ाव से जुड़ी होती है|
  • इंडेक्स ईटीएफ:- यह निफ्टी या सेंसेक्स जैसा इंडेक्स होता है, जिसकी कीमत में होने वाला उतार चढ़ाव उसके इंडेक्स में हो रहे उतार-चढ़ाव के बराबर होता है| सरल भाषा में एक बैंकिंग ईटीएफ को बैंकिंग इंडेक्स के अनुसार काम करना होता है, तथा उसकी कीमत भी बैंकिंग इंडेक्स में हो रहे उतार-चढ़ाव के अनुसार घटती या बढ़ती है|
  • बॉन्ड ईटीएफ:- एक बॉन्ड ईटीएफ के धन को उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करते है, जिसमे अन्तर्निहित इंडेक्स के घटक जुड़े होते है| यह एक विशेष मैच्योरिटी होराइजन पर आधारित बॉन्ड ईटीएफ हो सकता है, जैसे:- शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म| भारत में बॉन्ड ईटीएफ एक निर्धारित मेच्योरिटी अवधि के साथ आता है, जिसे बॉन्ड ईटीएफ श्रेणी में रखते है|
  • करेंसी ईटीएफ:- करेंसी ईटीएफ मुद्रा विनिमय का व्यवसाय करने वाले फंड निवेशकों को बिना किसी विशिष्ट मुद्रा के मुद्रा बाजार में भागीदारी होने की अनुमति देता है| यह एकल मुद्रा या मुद्रा के पूल में निवेश करता है, तथा इस निवेश मुद्रा या मुद्राओं के मूल्य आंदोलन को ट्रैक किया जाता है|
  • सेक्टर ईटीएफ:- यह ईटीएफ सिर्फ एक खास क्षेत्र के उद्योग और सिक्योरिटीज में निवेश करता है| कुछ सेक्टर जैसे:- टेक्नोलॉजी फंड्स और फार्मा फंड्स है, जो इस विशिष्ट क्षेत्र में आते है|
  • अंतर्राष्ट्रीय ईटीएफ:- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले निवेशक के लिए ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है| एक अंतर्राष्ट्रीय ईटीएफ विविध पोर्टफोलियो को बनाने में सहायता करता है, क्योकि इसमें विश्व की अनेको कंपनिया शामिल होती है| इसमें निवेशक को बाजार पूंजीकरण, भूगोल, क्षेत्र या किसी अन्य मानदंड के आधार पर ईटीएफ का चयन करने की स्वतंत्रता होती है| अगर आप अंतर्राष्ट्रीय ईटीएफ में निवेश करने पर विचार कर रहे है, तो उससे पहले आप करों, शुल्कों, पोर्टफोलियो, व्यापारिक मात्रा और तरलता के विवरण को समझ लें|
  • कमोडिटीज ईटीएफ:- कमोडिटी ईटीएफ में कृषि संबंधित उपकरण, कीमती धातु या प्राकृतिक संसाधन सहित अन्य वस्तुएं शामिल होती है| इसमें निवेशक भौतिक वस्तु का मालिक नहीं होता है| ईटीएफ वस्तु के उदाहरण में ISARS MSCI ग्लोबल एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर्स ETF और SPDR S & P ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन व प्रोडक्शन ईटीएफ शामिल है|
  • तरल ईटीएफ:- तरल ईटीएफ सिर्फ BSE और NSE जैसे राष्ट्रीय बाजार में कारोबार करता है| यह ईटीएफ अपनी उच्च तरलता और कम जोखिम वाली वापसी के लिए जाना जाता है| निवेश की टोकरी में कॉल मनी, लघु परिपक्वता और अल्पावधि सरकारी प्रतिभूतियां वाले उपकरण शामिल है|

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ईटीएफ के फायदे (ETF Advantages)

  • शेयर की तरह ही ईटीएफ फंड के क्रय-विक्रय की कीमत पर नज़र रख सकते है|
  • ईटीएफ फंड प्रतिदिन निवेश से जुड़ी जानकारी देता है, ताकि निवेश के लिए निवेशकों को पारदर्शिता मिल सके|
  • ईटीएफ को बेचना काफी आसान है|
  • ईटीएफ फंड में आपको कई सेक्टर में निवेश करने की सुविधा मिलती है|
  • ईटीएफ डिविडेंट पर कर नहीं लेता है|
  • प्रत्येक ईटीएफ के लिए फंड मैनेजर मौजूद होता है, जिस वजह से निवेशक को फंड के क्रय-विक्रय की चिंता नहीं करनी होती है|
  • ईटीएफ म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम खर्च अनुपात के साथ किफायती निवेश की सुविधा देता है|
  • ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो भी म्यूचुअल फंड की योजनाओं की तुलना में कम होता है, यह एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 1% के मध्य होता है|
  • म्यूचुअल फंड की तरह ईटीएफ में एग्जिट लोड भी नहीं देना होता है|

ईटीएफ की विशेषता (ETF Features)

ईटीएफ के पोर्टफोलियो में अनेक प्रतिभूतियां शामिल होती है| जहां रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है, और शेयर बाजार पर लिस्ट होता है, वहां इन्हे खरीद व बेच सकते है| इसका मतलब ETF का रिस्क और रिटर्न BSE सेंसेक्स जैसे गोल्ड या इंडेक्स एसेट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है| ईटीएफ का मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाता है| इसका मतलब लेनदेन के समय निवेशक को दाम का पता चल जाएगा| जबकि म्यूचुअल फंड के NAV में ऐसा नहीं होता है| NAV की गणना दिन समाप्त होने से शुरू होती है| ETF पोर्टफोलियो में विविधता लाने का सबसे किफायती और कारगर ऑप्शन है, यही वजह है, कि तमाम सेक्टर, इंडेक्स और असेट क्लास को कवर करते है|

ईटीएफ की सबसे बड़ी खासियत उसकी तरलता है| शेयर बाजार में ट्रेडिंग की वजह से इसे खरीदना और बेचना काफी आसान है| इसमें निवेशक को निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर की जरूरत नहीं होती है| लेकिन म्यूचुअल फंड में अपनी यूनिट्स को बेचने के लिए आपको म्यूचुअल फंड कंपनी में जाना होता है| शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त की वजह से इसकी वैल्यू रियल टाइम के आधार पर होती है| ईटीएफ फंड खरीदने के लिए आपको ब्रोकर की सहायता से डीमेट अकॉउंट खोलना पड़ता है, जिसके माध्यम से आप फंड का क्रय-विक्रय कर सकते है| यह बात म्यूचुअल फंड योजनाओ पर लागू नहीं होती है|

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