वर्तमान समय में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के लगभग बैंक उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गयी धनराशि पर ब्याज बहुत ही कम दे रहे है, अर्थात जमा पर ब्याज दर निरंतर घटती जा रही है | सेविंग्स अकाउंट या बचत खातों (Savings Account) के आलावा सावधि जमा (Fixed Deposit-FD) और आवर्ती जमा (Recurring Deposit-RD) में भी पहले की अपेक्षा ब्याज दर कम हो गई है।जबकि कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक(Small Finance Bank) द्वारा बचत खाते पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहे है |

ऐसे में यदि हम गवर्नमेंट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (State Bank Of India-SBI) की बात करे, तो यह भी सेविंग्स अकाउंट पर 3 से 4 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रही है | ऐसे में प्रश्न यह उठता है, कि स्मॉल फाइनेंस बैंक क्या है, और यह अन्य बैंकों की तुलना में जमा पर ब्याज दर अधिक कैसे दे रही है | इसके साथ ही भारत में कितनी स्मॉल फाइनेंस बैंक है अर्थात List of Small Finance Banks in India 2023 के विषय में भी बात करेगे |
स्मॉल फाइनेंस बैंक क्या है (Small Bank in Hindi)
स्मॉल फाइनेंस बैंक को हिंदी में ‘लघु वित्त बैंक’ कहते है और स्मॉल फाइनेंस बैंक अन्य व्यवसायिक बैंकों (Commercial Bank) की तरह ही होते हैं, परन्तु अन्य बैंकों की अपेक्षा इनका लेन-देन का दायरा छोटा अर्थात सीमित होता है | जैसे कि कमर्शियल बैंकों से आप एक दिन में करोड़ो रुपये का लेन-देन (Transaction) कर सकते है, परन्तु स्मॉल बैंक से इतनें अधिक अमाउंट का ट्रांसक्शन नहीं कर सकते | दरअसल इस तरह के बैंक बचत खाते खोलनें के साथ ही उन्हें ऋण अर्थात लोन प्रदान करनें की सुविधा देते है | हालांकि, बड़े आकार के कारोबारी बैंकों के मुकाबले स्मॉल फाइनेंस बैंकों की कारोबारी गतिविधियां (Business Activities) सीमित होती हैं |
वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने कुल 10 स्मॉल फाइनेंस बैंकों को लाइसेंस दिया था, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक की शर्त के मुताबिक,ऐसे बैंकों सिर्फ 25 लाख रुपये से अधिक का ऋण देने की अनुमति नहीं है | यदि हम सरल भाषा में कहे, तो स्माल बैंकों को बड़े लोन देने पर प्रतिबन्ध है | अक्सर देखनें को मिलता है, कि बैंकों द्वारा दिए गये बड़े लोन में धोखाधड़ी और वसूली करनें में अनेक प्रकार की समस्याएं आती है, जबकि स्माल बैंकों में इस प्रकार की समस्याएँ आना लगभग असंभव है |
स्मॉल फाइनेंस बैंक का उद्देश्य (Purpose of Small Finance Bank)
भारत की जनसँख्या का एक बड़ा भाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है, और यह संभव नहीं है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में सभी स्थानों पर बैंकों का संचालन किया जा सके | ऐसे में गाँव में रहनें वाले लोग अपना खाता खुलवानें से लेकर बैंक द्वारा मिलनें वाली सेवाओं से वंचित रह जाते है | यदि कुछ लोग अपना बैंक अकाउंट रखते है, तो वह रेगुलर पैसे की जमा और निकासी नही करते है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहनें वाले लोग बैंकिंग सिस्टम का फायदा नही ले पाते है |
ऐसे में स्माल बैंक एक अहम् भूमिका निभाता है और यह लोगो को बैंक में सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपाजिट (FD), रिकरिंग डिपाजिट (RD) खाता खोल सकते है | इसके साथ ही आप अपनी सुविधा के अनुसार डेबिट कार्ड और चेक बुक की सुविधा प्राप्त कर सकते है | इसके अलावा आप मोबाइल बैंकिंग और इन्टरनेट बैंकिंग की भी सुविधा ले सकते है |
सरकार द्वारा स्माल बैंकों को लाइसेंस देने का मुख्य उद्देश्य देश में रहनें वाले प्रत्येक व्यक्ति को बैंकों की सुविधा उपलब्ध कराना है | इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहनें वाले किसानों, छोटे व्यवसायियों को ऋण उपलब्ध कराना है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि स्माल बैंक ऐसे क्षेत्रों में कारोबार करते हैं, जहां बड़े कमर्शियल बैंकों पहुंच बहुत कम होती है |
स्मॉल फाइनेंस बैंक पर नियंत्रण और निगरानी
स्मॉल फाइनेंस बैंकों पर भारतीय रिज़र्व बैंक अर्थात आरबीआई का नियंत्रण पूर्ण रूप से होता है, इसके साथ ही वह इसकी निगरानी भी करता है | इस प्रकार की बैंकों के लिए सेंट्रल अर्थात केंद्रीय बैंक की तरफ से बहुत ही सख्त दिशानिर्देश जारी किये गये है, जिसके अंतर्गत स्माल बैंक में निवेश करना या सेविंग अकाउंट खोलना काफी सुरक्षित होता है |
स्माल बैंक में जमा राशि कितनी सुरक्षित होती है ?
स्मॉल अर्थात लघु वित्त बैंकों में 5 लाख रुपये तक कि धनराशि उतनी ही सेफ होती है, जितनी की गवर्मेंट सेक्टर के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) या प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में होती है | इसका मुख्य कारण यह है, कि स्माल बैंक डायरेक्ट रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया की निगरानी में होते है | दरअसल स्मॉल फाइनेंस बैंक में पांच लाख रुपये तक की धनराशि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation-DICGC) के अंतर्गत बीमित होती है |
स्मॉल फाइनेंस बैंक अधिक ब्याज क्यों देते हैं (Why Small Finance Banks Offer Higher Interest) ?
अधिकांश लोग यह सोचते है, कि जब देश के बड़े बैंक जमा पर 7 से 8 प्रतिशत की ब्याज दर नही दे रहे है, तो यह स्माल बैंक अन्य बड़े बैंकों की तुलना में ब्याज दर अधिक कैसे दे सकते है | इसका मतलब इसमें निवेश करना किसी खतरे से कम नही है | जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है, क्योंकि अन्य बैंकों की भांति आबीआई नियंत्रण स्माल बैंक पर भी है |
पीएसयू अर्थात सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम और बड़े प्राइवेट बैंकों के पास कैश अर्थात नगदी काफी बड़ी संख्या मेंमौजूद रहती है, जिसके कारण वह निवेशकों से धनराशि जमा करवानें में ज्यादा रूचि नही दिखाते है, जबकि स्माल बैंकों में ठीक इसके विपरीत होता है अर्थात स्माल बैंक जमा पर विशेष ध्यान देते है | जिसके कारण वह ग्राहकों को जमा धनराशि पर अन्य बड़े बैंकों की अपेक्षा ब्याज दर अधिक देने की पेशकश करते हैं |
भारत में स्माल फाइनेंस बैंक की सूची (List of Small Finance Banks in India 2023)
भारत में निम्न बैंकों को RBI द्वारा स्माल बैंक श्रेणी के अंतर्गत लाइसेंस दिया गया है :-
S.N. | Name Of Bank | Head Office |
1. | Au Small Finance Bank Ltd. | Jaipur, Rajasthan |
2. | Capital Small Finance Bank Ltd | Jalandar ,Punjab |
3. | Fincare Small Finance Bank Ltd. | Bengaluru , Karnataka |
4. | Equitas Small Finance Bank Ltd | Chennai, Tamilnadu |
5. | ESAF Small Finance Bank Ltd. | Thrissur , Kerala |
6. | Suryoday Small Finance Bank Ltd. | Navi Mumbai |
7. | Ujjivan Small Finance Bank Ltd. | Bengaluru, Karnataka |
8. | Utkarsh Small Finance Bank Ltd. | Varanasi , U.P |
9. | North East Small finance Bank Ltd | Guwahati , Assam |
10. | Janlakshmi Small Finance Bank Ltd | Bengaluru , Karnataka |
11. | Shivalik Small Finance Bank Ltd | Jasola, Delhi |
स्मॉल फाइनेंस बैंक की विशेषताएं (Small Finance Bank Features)
- लघु वित्त बैंक कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के रूप में पंजीकृत हैं।
- इन बैंकों को लाइसेंस बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 22 के अंतर्गत जारी किया जाता है।
- जब एसएफबी के शासन की बात आती है, तो इन्हें बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- ऐसे बैंक स्थापित करने के लिए RBI का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और अर्द्ध -शहरी दोनों क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करना है।
- बैंकिंग और वित्त, कंपनियों और सोसाइटियों में कम से कम 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले देश के नागरिक प्रमोटर के रूप में कार्य करने के लिए पात्र हैं और इस प्रकार एसएफबी (SFB) की स्थापना करते हैं।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को अपने कार्यों को एसएफबी में बदलने की अनुमति है।
- यदि कोई लघु वित्त बैंक अपनी शाखा का विस्तार करना चाहता है, तो उसे प्रारंभिक 3 वर्षों के लिए पूर्वानुमोदन की आवश्यकता होगी।
- लघु वित्त बैंकों के लिए जोखिम प्रबंधन के लिए मजबूत ढांचे का पालन करना आवश्यक है और इसी उद्देश्य के लिए ये वित्तीय संस्थान आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट सभी मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करने के अधीन हैं।
- लघु वित्त बैंकों द्वारा जनता को 2 प्रकार के ऋण प्रदान किए जाते हैं- व्यक्तिगत ऋण और समूह ऋण। समूह ऋण केवल संयुक्त देयता पर प्रदान किया जा सकता है।
- जब समूह उधारकर्ताओं के लिए अधिकतम ऋण आकार और निवेश सीमा जोखिम की बात आती है, तो यह पूंजीगत निधियों के 15% तक सीमित है।
- यदि बैंक 25 लाख से कम या उसके बराबर का ऋण दे रहा है, तो ऋण पोर्टफोलियो का कम से कम 50% का गठन करना अनिवार्य है।
- जनता अपना पैसा लघु वित्त बैंकों में चालू खातों, सावधि जमा खातों, बचत खातों, धन उपकरणों आदि में जमा कर सकती है।
- SFB द्वारा बचत खातों पर 6-7% ब्याज दर और सावधि खातों पर 9% ब्याज लिया जाता है।
स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लेख (RBI Guidelines for Small Finance Banks Mentioned)
- स्माल फाईनेन्स बैंकों की न्यूनतम चुकता पूंजी 100 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
- लघु वित्त बैंक के रूप में स्थापित वित्तीय संस्थान को अपने नाम पर ‘लघु वित्त बैंक’ अवश्य रखना चाहिए।
- म्यूचुअल फंड, पेंशन, बीमा योजनाओं आदि के वितरण सहित वित्तीय संचालन करने के लिए, लघु वित्त बैंकों को आरबीआई की स्वीकृति लेनी होगी।
- किसी भी लघु वित्त बैंक की 25% शाखाएँ देश के बिना बैंक वाले क्षेत्र में स्थित होनी चाहिए।
- लघु वित्त बैंकों के लिए आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट सीआरआर (CRR) और एसएलआर (SLR) बनाए रखना अनिवार्य है।
- लघु वित्त बैंकों को अपने समायोजित नेट बैंक क्रेडिट का कम से कम 75% आरबीआई द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार के रूप में वर्गीकृत वर्गों को देना आवश्यक है।
- लघु वित्त बैंक सार्वभौमिक बैंकों के लिए निर्दिष्ट न्यूनतम चुकता पूंजी या निवल मूल्य आवश्यकताओं के बाद सार्वभौमिक बैंकों में स्थानांतरित कर सकते हैं।
- लघु वित्त बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश में किसी अन्य बैंक के व्यवसाय प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं है, लेकिन उन्हें अपना स्वयं का व्यवसाय संवाददाता नेटवर्क रखने की अनुमति है।
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स्मॉल फाइनेंस बैंक का विनियमन (Small Finance Bank Regulation)
लघु वित्त बैंक कुछ प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं, जो इस प्रकार है-
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999
- भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007
- क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005
- जमा इंश्योरेंस और लोन गारंटी निगम अधिनियम, 1961
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अन्य नियामकों द्वारा समय-समय पर जारी अन्य प्रासंगिक क़ानून और निर्देश, विवेकपूर्ण विनियम और अन्य दिशानिर्देश / निर्देश।
- एसएफबी को अपना परिचालन शुरू करने के बाद अनुसूचित बैंक का दर्जा दिया जाएगा और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 के अनुसार उपयुक्त पाया जाएगा।